
Lucknow Mayor Protocol Row: मेयर पहुंचीं बिना बुलावे, नगर आयुक्त ने नोटिस भेज 3 दिन में जवाब मांगा
Lucknow Political News में नया विवाद सामने आया है। लखनऊ नगर निगम के एक कार्यक्रम में मेयर सुषमा खर्कवाल को आमंत्रित नहीं किया गया, जिससे नाराज होकर वह बिना बुलावे ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गईं। यह मामला अब खुलकर Mayor Commissioner Clash में बदलता नजर आ रहा है।
कार्यक्रम लखनऊ के हजरतगंज स्थित नगर निगम मुख्यालय में आयोजित किया गया था। इसमें अनुकंपा पर नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए और सेवानिवृत्त कर्मियों को सम्मानित किया गया। मेयर के अनुसार यह कार्यक्रम पहले से प्रस्तावित था और प्रोटोकॉल के तहत उन्हें लिखित आमंत्रण मिलना चाहिए था।
मेयर ने इस घटना को लेकर नगर आयुक्त को तीन दिन में जवाब देने का पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने प्रोटोकॉल की अनदेखी और प्रशासनिक उदासीनता की आलोचना करते हुए लिखा – “आप लोगों का यह व्यवहार अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।”
मेयर ने पत्र में यह भी कहा कि नगर आयुक्त और अपर नगर आयुक्त जैसे वरिष्ठ अधिकारी तक कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे, जो Uttar Pradesh Politics में प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है।
ये है पत्र

लखनऊ मेयर विवाद में नया मोड़ सामने आया है। हजरतगंज स्थित नगर निगम मुख्यालय में आयोजित एक सम्मान समारोह में मेयर सुषमा खर्कवाल को औपचारिक आमंत्रण नहीं दिया गया, जिससे वे नाराज हो गईं। कार्यक्रम में शामिल न किए जाने और नगर आयुक्त IAS गौरव कुमार व अपर नगर आयुक्त की गैरमौजूदगी पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।
जब मेयर को जानकारी मिली कि नगर निगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्हें नहीं बुलाया गया, तो वह बिना न्योते ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गईं। वहां उन्होंने पाया कि नगर आयुक्त व अपर नगर आयुक्त कार्यक्रम में मौजूद नहीं हैं। उन्होंने तुरंत नगर स्वास्थ्य अधिकारी पीके श्रीवास्तव को निर्देश देकर अपर नगर आयुक्त नम्रता सिंह को बुलवाया। फोन पर नम्रता सिंह ने जानकारी दी कि वह नगर विकास प्रमुख सचिव की VC मीटिंग में हैं, लेकिन फिर भी आधे घंटे में पहुंच गईं।
4 अगस्त तक नगर आयुक्त से जवाब तलब
मेयर ने IAS गौरव कुमार को पत्र लिखकर पूछा कि उन्हें क्यों नहीं बुलाया गया और नगर प्रमुख होने के बावजूद कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति को क्यों नजरअंदाज किया गया। उन्होंने 4 अगस्त तक जवाब मांगा है और लिखा कि नगर आयुक्त व अधीनस्थ अधिकारियों को प्रोटोकॉल की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
मेयर के पत्र में उठे प्रमुख सवाल
क्या मेयर को औपचारिक आमंत्रण देना जरूरी नहीं था?
क्या विभागीय मुखिया की अनुपस्थिति ठीक है?
क्या इस आयोजन की तारीख बदली नहीं जा सकती थी?
क्या कर्मचारियों के प्रति यह संवेदनशीलता का अभाव नहीं है?
मेयर ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि नव नियुक्त सहायक नगर आयुक्तों के लिए अभी तक कक्ष और सहायक की व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर आयुक्त की ओर से कार्यों के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है, जो प्रशासनिक लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना रवैये को दर्शाता है।
इस कार्यक्रम में नगर निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का फूल-माला पहनाकर सम्मान किया गया और 8 मृतक आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई। नियुक्ति पाने वालों में मयंक दीक्षित, सागर राठौर, दीपक कुमार, आनंद कुमार, मनीष कुमार, सुमन, ब्रिजेंद्र कुमार रावत और अजय कुमार यादव शामिल हैं।