लखनऊ में डायरिया का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। जानकीपुरम सेक्टर-7 में करीब 10 हजार लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। अस्पतालों में मरीज भयंकर दर्द और उल्टी-दस्त से परेशान हैं, जबकि उनके परिजन बाहर चिंता और आंसूओं के साथ इंतजार कर रहे हैं।
जानकीपुरम ट्रॉमा सेंटर इस समय पूरी तरह फुल है। तीन दिनों में करीब 100 मरीज भर्ती हुए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। वहीं, 10 किमी दूर बीकेटी के रामसागर मिश्र अस्पताल में भी लगभग 50 मरीजों का इलाज चल रहा है।
डायरिया फैलने के कारण और इलाके की स्थिति
स्थानीय निवासी बताते हैं कि दूषित पानी की सप्लाई से यह बीमारी फैली है। घर में RO लगे होने के बावजूद गंदे पानी के कारण पूरे मोहल्ले में डायरिया के केस बढ़े हैं।नगर निगम ने नालियों और सीवर की सफाई के लिए टीमें भेजी हैं, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
अस्पतालों में मरीजों की भीड़
जानकीपुरम ट्रॉमा सेंटर में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण बेड फुल हैं। मरीजों के परिजन लगातार अस्पताल में डटे हुए हैं।प्रभारी डॉक्टरों के अनुसार, तीन दिनों में करीब 100 मरीज डायरिया के इलाज के लिए आए हैं। इसमें बुखार, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं आम हैं। दवा देने के बाद अधिकांश मरीजों की हालत में सुधार देखा जा रहा है।
नागरिकों की शिकायत और नगर निगम की कार्रवाई
स्थानीय लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं कि इलाके में सफाई और पानी की सप्लाई की कमी के कारण डायरिया फैल रहा है।नगर निगम की टीम ने इलाके में सफाई अभियान और मेडिकल कैंप शुरू किया है। जानकीपुरम सेक्टर-7 के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है और टीम लगातार कैंप चला रही है।
गंभीर हालात और राहत उपाय
एम्बुलेंस गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचा रही हैं। जानकीपुरम और आसपास के अस्पतालों को अलर्ट किया गया है ताकि किसी मरीज को इलाज में कोई परेशानी न हो।
नगर निगम ने नालियों की सफाई, पानी की सप्लाई और मेडिकल कैंप के माध्यम से डायरिया के फैलाव को रोकने के लिए कदम उठाए हैं।