
उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकायों में हो रही लापरवाही और अनुशासनहीनता के मामलों पर सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बाद नगर विकास विभाग ने शाहजहांपुर, मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ में कार्यरत अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। यह कदम प्रदेश में सुशासन और पारदर्शी नगर प्रशासन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
शाहजहांपुर नगर पंचायत अध्यक्ष पर आरोप है कि वे बोर्ड की बैठकों में न तो शारीरिक रूप से उपस्थित हुए और न ही नियमानुसार विधिवत अनुपस्थिति की जानकारी दी। इसके विपरीत, उन्होंने ऑडियो और वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया, जो नगर निकाय अधिनियमों और प्रक्रियात्मक नियमों का स्पष्ट उल्लंघन माना गया है।
मुजफ्फरनगर में एक महिला अधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार और दुर्व्यवहार की घटना सामने आई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर विकास विभाग ने संबंधित कर निर्धारण अधिकारी के खिलाफ तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला महिला सम्मान और प्रशासनिक मर्यादा से जुड़ा हुआ है, जिस पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है।
अलीगढ़ नगर निगम में उप नगर आयुक्त पर लगातार लापरवाही बरतने और अपने कार्य से दूरी बनाए रखने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस संबंध में विभागीय जांच के साथ-साथ अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अधिकारी की कार्यशैली और अनुपस्थिति से निगम की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही थी, जिसे लेकर लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि नगर निकायों में भ्रष्टाचार, लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार का फोकस शहरों के समुचित विकास, जनसुविधाओं की प्रभावी आपूर्ति और प्रशासन की पारदर्शिता पर है।
यह कार्रवाई न सिर्फ निकायों में जवाबदेही तय करने की दिशा में एक मजबूत संदेश है, बल्कि भविष्य में नगर प्रशासनिक अमले को अपने कार्य के प्रति और अधिक सतर्क और संवेदनशील बनने का संकेत भी है।