मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। किसान की समृद्धि के बिना खुशहाली नहीं आ सकती। भारत में कृषि व पशुधन एक-दूसरे से जुड़े रहे हैं। अन्नदाता किसान के घर में पशुधन होगा और पशुपालक भी खेतीबाड़ी से अवश्य जुड़ा होगा। इनके आपसी संबंध को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्ष में किसानों की खुशहाली व समृद्धि के लिए बढ़ाए गए कदम अत्यंत महत्वपूर्ण व सराहनीय हैं। पीएम मोदी की प्रेरणा से यूपी में भी इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए गए हैं। डबल इंजन सरकार की ऊर्जा का लाभ यूपी ने लिया है। यूपी दुग्ध उत्पादन में देश में नंबर एक पर है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘भारत में पशु नस्लों का विकास’ कार्यशाला का शुभारंभ किया। सीएम ने गोरखपुर के कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान तथा पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के तहत यूपी में तीन प्रोजेक्ट (अमेठी, बरेली व मथुरा) का बटन दबाकर उद्घाटन किया। अतिथियों ने पुस्तिका का भी विमोचन किया।
पशुधन को एफएमडी मुक्त बनाकर पशुपालकों के जीवन में खुशहाली लाने में देंगे योगदान
सीएम योगी ने एफएमडी बीमारी (खुरपका-मुंहपका) की चुनौतियों का जिक्र किया। बोले कि एफएमडी के वैक्सीनेशन कार्यक्रम प्रारंभ हुए, फिर बीच में उसे रोका गया, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने सेचुरेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आज आश्वासन दिया है। सीएम ने आश्वस्त किया कि पशुधन को एफएमडी मुक्त बनाकर पशुपालकों के जीवन में खुशहाली लाने में योगदान देंगे।

ध्यान देंगे तो पशुपालकों को दे सकते हैं स्थायी समृद्ध निधि
सीएम योगी ने कहा कि पशुधन का असर वहां के क्लाइमेटिक जोन, उसके पालन, रखरखाव, नस्ल पर भी प्रभाव पड़ता है। यूपी के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग गोवंश दिखेंगे। स्थानीय स्तर पर देसी पद्धतियों से जिन्होंने नस्ल को सुधारने के लिए प्रयास किए, उन्होंने अच्छी नस्ल को बढ़ाने में सफलता प्राप्त कर ली। जो लोग प्रयास नहीं कर पाए, वहां पशुधन काफी पिछड़ा हुआ था। आज के समय में बहुत सारी स्थानीय नस्लें लुप्तप्राय की ओर हैं। उन पर ध्यान देंगे तो पशुपालकों को स्थायी समृद्ध निधि दे सकते हैं।
यूपी में कार्यरत हैं पांच मिल्क प्रोड्यूसर

भारत सरकार का धन्यवाद देते हुए सीएम योगी ने कहा कि उन्होंने यूपी में मिल्क प्रोड्यूसर को प्रोत्साहित किया है। झांसी के बलिनी, गोरखपुर, आगरा, काशी समेत यूपी में पांच मिल्क प्रोड्यूसर कार्यरत हैं। इससे लाखों महिलाएं जुड़ी हैं, जो समितियों के माध्यम से दुग्ध कलेक्शन, आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करती हैं और पशुपालन की अच्छी नस्ल की भी चिंता करती हैं। दुग्ध कलेक्शन के माध्यम से वैल्यू एडिशन से किसानों व पशुपालकों के जीवन में खुशहाली लाने में योगदान दे सकते हैं। सीएम ने कहा कि गोरखपुर और काशी से जुड़े किसानों ने अपनी सफलता की कहानी सुनाई, जो सफलता की नई ऊंचाई की तरफ हम सभी को प्रेरित करती हैं।
2017 में हम लोगों के सामने थी बड़ी चुनौती
सीएम योगी ने कहाकि 2017 में हम लोगों के सामने बहुत चुनौती थी। समय के अनुरूप पशुधन की नस्लों में सुधार नहीं हुए, जिसके परिणाम स्वरूप बड़े पैमाने पर पशुधन सड़कों, खेतों, कसाईखानों में जाते थे। आस्था से खिलवाड़, किसानों के खेत में परेशानी और सड़कों पर दुर्घटनाएं भी होती थीं। 2017 में निराश्रित गोआश्रय स्थल की कार्ययोजना बनाई और 2018 में उसे लागू किया।
14 लाख से अधिक गोवंश की हो रही देखभाल
सीएम योगी ने कहा कि आज 14 लाख से अधिक गोवंशों की देखभाल सरकार की गोशालाओं या सरकार द्वारा सहायता प्राप्त पशुपालकों द्वारा की जा रही है। सीएम ने तीन स्कीम का जिक्र करते हुए बताया कि सरकार 12 लाख गोवंशों की देखभाल अपने निराश्रित गोआश्रय स्थल के माध्यम से करती है। दूसरी स्कीम-सहभागिता योजना के माध्यम से चालू की गई है।