दिल्ली लाल किला ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार डॉ. परवेज अंसारी से जुड़े नए खुलासे सामने आए हैं। जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, लखनऊ में परवेज को आगे बढ़ाने और बसाने में दो व्यक्तियों ने अहम भूमिका निभाई थी। अब ATS इन दोनों से गहन पूछताछ करने की तैयारी में है। इन व्यक्तियों के नाम तमीम कासिम और ताज बताए जा रहे हैं।
कौन हैं तमीम कासिम और ताज?
जांच में सामने आया है कि तमीम कासिम और ताज, दोनों ने लखनऊ में परवेज की कई तरह से मदद की थी—
परवेज को लखनऊ में बसाने में सहयोग
जरूरत पड़ने पर सहायता उपलब्ध कराना
दस्तावेज़ों में “इमरजेंसी कॉन्टैक्ट” के तौर पर नाम दर्ज होना
परवेज ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के जॉब डॉक्यूमेंट्स में भी इन दोनों का नाम दिया था। अब ATS यह पता लगा रही है कि आखिर परवेज ने इन दोनों के नाम अपने आधिकारिक कागज़ात में क्यों दर्ज किए।
तमीम कासिम का बैकग्राउंड
सूत्रों के मुताबिक, तमीम कासिम का संबंध नदवा मदरसा से रहा है। वह लखनऊ में परवेज को रहने-सहने और लोकल सेटअप समझने में मदद करता था। एजेंसियों का फोकस इस बात पर है कि तमीम व परवेज के बीच वास्तविक संबंध क्या थे और दोनों किस तरह जुड़े रहे।
ताज की भूमिका — रिश्तेदारी वाला कनेक्शन
ताज लखनऊ में ही रहता है और परवेज के रिश्तेदारों में शामिल बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार—
ताज, परवेज की पत्नी के बड़े भाई का साला है
वह हर जगह परवेज की सहायता करता था
परवेज के लखनऊ के नेटवर्क को मजबूत बनाने में उसकी भूमिका थी
अब ATS उसकी गतिविधियों और परवेज के साथ उसके संपर्कों की कड़ियां जोड़ रही है।
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी कनेक्शन
डॉ. परवेज अंसारी इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे। जांच एजेंसियों ने पाया कि—
परवेज ने अपने आधिकारिक दस्तावेजों में तमीम और शाहीन शाहिद का नाम दिया था
ATS अब यह पता लगा रही है कि क्या ये नाम केवल औपचारिकता थे या किसी बड़े नेटवर्क की कड़ी
ATS जांच और अगला कदम
ATS दोनों ही व्यक्तियों — तमीम और ताज — से यह जानने की कोशिश करेगी कि उनका परवेज से वास्तविक संबंध क्या था और कहीं कोई बड़ा लिंक तो नहीं छिपा हुआ।जांच एजेंसियां अब इस बात की तह तक जा रही हैं कि लखनऊ में परवेज को मिली मदद सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर थी या उससे बड़ा कोई नेटवर्क सक्रिय था।








