लखनऊ 69000 शिक्षक भर्ती प्रदर्शन: आरक्षित वर्ग अभ्यर्थियों का आक्रोश, सुप्रीम कोर्ट सुनवाई न होने पर मंत्री आवास का घेराव
लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने से नाराज अभ्यर्थियों ने सोमवार को बेसिक शिक्षा मंत्री आवास का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। अभ्यर्थियों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया और 69000 शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितता होने की बात कही।
मंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने जबरदस्ती बसों में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने “शिक्षा मंत्री शर्म करो” जैसे नारे लगाए।
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नियुक्ति अटकी
अभ्यर्थियों ने बताया कि 2018 में शुरू हुई 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के साथ अन्याय हुआ। लंबे आंदोलन और कानूनी लड़ाई के बाद 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया और तीन महीने के भीतर नियुक्ति देने का आदेश दिया।
लेकिन सरकार की लापरवाही के चलते मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और अब तक 20 से अधिक तारीखें लग चुकी हैं, फिर भी सुनवाई नहीं हो पाई।
सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी की मांग
धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पक्ष नहीं रख रही। इसी वजह से 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षित वर्ग अभ्यर्थी 11 महीने से न्याय से वंचित हैं। अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द सुनवाई और फैसला नहीं हुआ तो आंदोलन और बड़ा होगा।