कान्हा की छठी 2025 : पूजा विधि, सही तिथि और धार्मिक महत्व
कान्हा की छठी 2025 सनातन परंपरा में जन्माष्टमी के बाद आने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है। हर भक्त इस दिन का बेसब्री से इंतजार करता है। जन्माष्टमी की तरह इस दिन भी भक्त अपने घर या मंदिर को सजाते हैं और सुबह से लेकर शाम तक भजन-कीर्तन, पूजा-पाठ और विशेष भोग का आयोजन करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण की छठी पूजा में कढ़ी-चावल, पंचामृत, फल, फूल, माखन-मिश्री और तुलसी पत्र अर्पित किए जाते हैं।
कब मनाई जाएगी कान्हा की छठी 2025?
किसी भी बच्चे की छठी उसके जन्म के छठे दिन मनाई जाती है। इसी नियम के अनुसार:
जिन्होंने 15 अगस्त 2025 को जन्माष्टमी मनाई, वे 21 अगस्त 2025 को कान्हा की छठी मनाएंगे।
वहीं, जिन्होंने 16 अगस्त 2025 को जन्माष्टमी का व्रत रखा था, वे 22 अगस्त 2025 को कान्हा की छठी मनाएंगे।
इस प्रकार भक्त अपनी परंपरा और तिथि के अनुसार छठी पूजा करते हैं।
कान्हा की छठी पूजा विधि
पूजा से पहले स्नान कर पवित्र हों और सभी सामग्री पास रखें।
भगवान श्रीकृष्ण को पहले पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं।
नए वस्त्र और आभूषण पहनाकर विशेष श्रृंगार करें।
पूजा में चंदन, केसर, हल्दी, फूल, दीप और धूप अर्पित करें।
प्रिय वस्तुएं जैसे बांसुरी, माखन-मिश्री और मोर पंख अवश्य चढ़ाएं।
भगवान का नामकरण कर पूरे वर्ष उसी नाम से साधना करें।
अंत में आरती कर प्रसाद बांटे।