
KGMU में फिर गार्ड की गुंडागर्दी: बहन की सर्जरी कराने आए तीमारदार को पीटा, टॉयलेट के पास धक्का देकर गिराया
लखनऊ – उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में गार्डों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला यूरोलॉजी विभाग से सामने आया है, जहां लखीमपुर खीरी से बहन की सर्जरी कराने आए तीमारदार साजिद के साथ गार्ड ने बेरहमी से मारपीट की। आरोप है कि मामूली बात पर गार्ड ने उसे टॉयलेट के पास धक्का देकर गिरा दिया, जबकि डॉक्टरों ने मामले को दबाने की कोशिश की।
टॉयलेट के पास खड़ा होना पड़ा भारी, गार्ड ने पीटा
पीड़ित साजिद ने बताया कि शुक्रवार को उनकी बहन को KGMU के यूरोलॉजी वार्ड में भर्ती कराया गया था। सोमवार को ऑपरेशन तय हुआ था, इसलिए वह शनिवार को बहन की देखभाल के लिए वार्ड में मौजूद था। इसी दौरान जब वह टॉयलेट गया, तो वहां सफाई चल रही थी। एक सफाईकर्मी ने कुछ देर खड़ा रहने को कहा, जिसे वह मान भी गया।
लेकिन तभी एक गार्ड आया और उसे आवाज देकर बुलाने लगा। साजिद ने बताया, “मैंने कहा कि दो मिनट में पोंछा सूखने के बाद आ रहा हूं, लेकिन गार्ड ने बिना कारण भड़ककर मुझ पर हमला कर दिया। मुझे घसीटते हुए टॉयलेट के पास धक्का दे दिया और पीटना शुरू कर दिया।”
जूनियर डॉक्टर ने फटकार लगाकर दबा दिया मामला
घटना की जानकारी मिलते ही एक जूनियर डॉक्टर मौके पर पहुंचे और गार्ड को फटकार लगाई, लेकिन इसके बाद मामले को दबा दिया गया। पीड़ित का कहना है कि गार्ड के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई जिससे अन्य तीमारदारों के साथ भी ऐसा दोहराए जाने की आशंका है।
KGMU में लगातार मारपीट के मामले आ रहे सामने
यह पहली बार नहीं है जब KGMU में तीमारदारों के साथ गार्डों की बदसलूकी और मारपीट की खबर आई है। इससे पहले 22 जून और 26 जुलाई 2024 को भी KGMU ट्रॉमा सेंटर में इसी तरह के मामले सामने आ चुके हैं। प्रशासन इन आरोपों को खारिज करता रहा है, लेकिन घटनाएं लगातार दोहराई जा रही हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और डॉक्टर का बयान
मरीज की सर्जरी करने वाले डॉक्टर मनोज यादव ने कहा, “करीब 40 साल की महिला की किडनी स्टोन की सर्जरी सफल रही है। गार्ड द्वारा मारपीट की जानकारी नहीं है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि KGMU में मरीजों का लोड काफी अधिक है, इसलिए कुछ घटनाएं हो जाती हैं, लेकिन इलाज में कोई समझौता नहीं किया जाता।
तीमारदार बोले – जांच हो और सख्त कार्रवाई की जाए
साजिद का कहना है कि “मैं बाहरी व्यक्ति हूं, लखीमपुर खीरी से आया हूं। मेरे साथ यह हुआ तो बाकी मरीजों के साथ क्या होता होगा? प्रशासन को ऐसे गार्डों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई मरीज या उसका परिवार डरे नहीं।”