काशी में बोले उपराष्ट्रपति: गंगा स्नान ने बदल दी जिंदगी, कहा- 25 साल पहले था मांसाहारी, अब बना शुद्ध शाकाहारी
उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी (काशी) पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ तमिल समुदाय द्वारा संचालित नई धर्मशाला का उद्घाटन किया और समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि 25 साल पहले काशी आने पर वे मांसाहारी थे, लेकिन गंगा स्नान के बाद उन्होंने अपने जीवन में गहरा परिवर्तन महसूस किया और शुद्ध शाकाहारी जीवनशैली अपना ली।
काशी दौरे पर बोले उपराष्ट्रपति — गंगा स्नान ने बदल दी जिंदगी
काशी दौरे पर उपराष्ट्रपति CP राधाकृष्णन ने बताया कि गंगा स्नान के बाद उनकी जिंदगी बदल गई। उन्होंने शाकाहारी जीवनशैली अपनाई और इसे जीवन का मोड़ कहा।उन्होंने कहा —“25 साल पहले जब मैं पहली बार काशी आया था, तब मैं मांसाहारी था। लेकिन गंगा में स्नान के बाद मुझे अंदर से बदलाव महसूस हुआ और मैंने शुद्ध शाकाहार अपनाया।”उपराष्ट्रपति ने इसे अपनी आध्यात्मिक यात्रा का निर्णायक क्षण बताया।
तमिल समुदाय की नई धर्मशाला का उद्घाटन, कहा— धर्म स्थायी है
वाराणसी के जानकीपुरम स्थित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने तमिल समुदाय की नई धर्मशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा —“धर्म अस्थायी रूप से संकट में आ सकता है, लेकिन स्थायी रूप से कभी मिटता नहीं। यह इमारत इसका जीवंत प्रमाण है।”उन्होंने तमिलनाडु के नगरथर समुदाय की सामाजिक सेवा और सांस्कृतिक योगदान की सराहना की।
60 करोड़ रुपये से बनी धर्मशाला, उत्तर-दक्षिण भारत की एकता का प्रतीक
उपराष्ट्रपति ने बताया कि इस धर्मशाला के निर्माण के लिए तमिल समुदाय ने करीब 60 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि यह भवन सिर्फ एक संरचना नहीं, बल्कि उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक बंधन का प्रतीक है।“तमिल विद्वानों, कवियों और भक्तों ने सदियों से काशी की यात्रा की है। यह धर्मशाला उस आध्यात्मिक संबंध को और मजबूत बनाएगी।”







