कानपुर के किदवई नगर में तैनात एक दारोगा पर गंभीर आरोप लगे हैं। सचेंडी के सिद्धपुर सीढ़ी निवासी व्यापारी रामबहादुर ने आरोप लगाया है कि 2 जुलाई को दारोगा प्रभाष शर्मा पांच लोगों के साथ उसकी दुकान पर पहुंचा और खुद को मध्य प्रदेश क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर उसे जबरन अगवा कर लिया। पहले दो लोग सिगरेट मांगने के बहाने दुकान पर आए, और कुछ देर बाद पांचों एक काली गाड़ी में लौटे। इसके बाद व्यापारी को जबरन एक होटल में ले जाया गया, जहां पूरी रात उसे बेरहमी से पीटा गया और 5 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई।

रामबहादुर के मुताबिक, अगवा करने के बाद होटल में दारोगा लगातार धमकी देता रहा कि अगर पैसे नहीं दिए, तो उसे मध्य प्रदेश ले जाकर एनकाउंटर कर दिया जाएगा। अगले दिन, 3 जुलाई की सुबह उसे चौकी ले जाकर फिर से धमकाया गया और पैसों के लिए दबाव बनाया गया। जब व्यापारी ने कई बार पूछा कि उसका क्या गुनाह है, तो दारोगा जवाब देता रहा – “पैसे दे दो वरना एनकाउंटर कर दूंगा।” आखिरकार 3 लाख रुपये में मामला तय हुआ और व्यापारी को बर्रा बाइपास, पनकी और गंगा बैराज होते हुए वापस होटल लाया गया।
उसी रात, रामबहादुर की पत्नी, साला और मौसा ने गहने गिरवी रखकर और उधारी लेकर 3 लाख रुपये जुटाए। फिर तय जगह पर पैसे देकर व्यापारी को छोड़ा गया। रामबहादुर की पत्नी बार-बार पूछती रही कि उसके पति का कसूर क्या है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। पैसे मिलने के बाद आरोपी पुलिसकर्मी प्राइवेट गाड़ी से मौके से फरार हो गए। व्यापारी का कहना है कि अब दारोगा शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा है और धमकी दे रहा है कि अगर समझौता नहीं हुआ, तो पूरे परिवार को भुगतना पड़ेगा।
मामले में व्यापारी ने ADCP आशुतोष कुमार से शिकायत की, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए। मंगलवार को आई रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए हैं। ADCP ने स्पष्ट किया कि अब आरोपी दारोगा के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद व्यापारी और उसका परिवार दहशत में हैं और इंसाफ की उम्मीद कर रहे हैं।