दिल्ली ब्लास्ट की मास्टरमाइंड डॉक्टर शाहीन पर बड़ा खुलासा, 3 फर्जी पासपोर्ट और 3 बार पाकिस्तान यात्रा का रिकॉर्ड मिला
दिल्ली ब्लास्ट की मास्टरमाइंड बताई जा रही डॉक्टर शाहीन सईद को लेकर UP ATS और केंद्रीय एजेंसियों की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। एजेंसियों को शाहीन के पास से तीन अलग-अलग पते पर जारी 3 वैध पासपोर्ट मिले हैं। एक पासपोर्ट कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, दूसरा लखनऊ और तीसरा फरीदाबाद के पते पर जारी हुआ था।
तीनों पासपोर्ट में गार्जियन का नाम भी अलग-अलग पाया गया —
कानपुर के पासपोर्ट में पिता का नाम
लखनऊ वाले में पति का नाम
फरीदाबाद वाले पासपोर्ट में भाई परवेज अंसारी को गार्जियन बताया गया
डॉक्टर शाहीन ने फर्जी पहचान बनाकर कई राज्यों में मूवमेंट किया और अपनी लोकेशन छुपाई।
3 बार पाकिस्तान और 6 देशों की यात्रा, जांच में खुला विदेशी नेटवर्क
जांच में सामने आया कि डॉक्टर शाहीन 3 बार पाकिस्तान जा चुकी है।इसके अलावा, वह थाईलैंड, दुबई, नेपाल और अन्य देशों की कुल 6 विदेशी यात्राएं कर चुकी है।2013 में कानपुर की नौकरी छोड़ने के बाद वह सबसे पहले थाईलैंड गई थी। एजेंसियों को शक है कि यहीं से उसका विदेशी संपर्कों का नेटवर्क सक्रिय हुआ और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े तार मजबूत हुए।
एजेंसियां उसकी टाइमलाइन, ठिकानों और विदेशी संपर्कों की गहन जांच कर रही हैं।
भाई परवेज की बड़ी भूमिका, मालदीव से जुटाई फंडिंग
शाहीन का भाई परवेज अंसारी तीन साल तक मालदीव में रहा और वहीं से उसने शाहीन की आर्थिक मदद की।एजेंसियों के अनुसार,
परवेज के बैंक खातों से निकली रकम से अमोनियम नाइट्रेट खरीदा गया,
यही विस्फोटक फरीदाबाद जैश मॉड्यूल से बरामद हुआ।
परवेज की भूमिका अब पूरे नेटवर्क में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बनकर उभरी है।
फर्जी पहचान और दस्तावेज़—शाहीन का सीक्रेट नेटवर्क उजागर
डॉक्टर शाहीन की पहचान छिपाने की रणनीति बेहद संगठित थी।फरीदाबाद में मिलने वाले दस्तावेजों में पता चला कि उसने
मस्जिद के पते पर फर्जी सिम कार्ड लिया
अपने असली लखनऊ पते का कभी उल्लेख नहीं किया
अक्सर भाई परवेज का पता उपयोग कर अपनी पहचान छुपाई
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहते हुए भी उसने यही फर्जी सिम सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया।एजेंसियां इसे सुनियोजित आतंकी नेटवर्क के पैटर्न से जोड़कर देख रही हैं।
फरीदाबाद में ‘प्रचारक चेहरा’ बनकर उभरी शाहीन, कट्टरपंथी भाषण दिए
जांच में सामने आया कि शाहीन सिर्फ एक सदस्य नहीं, बल्कि कई जगहों पर ‘कन्विंसिंग फेस’ के रूप में उपयोग की गई।वह धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में
कट्टरपंथ,
मुस्लिम समाज के मुद्दों
और कथित अत्याचार पर भावनात्मक भाषण देती थी।
इन भाषणों को सोशल मीडिया के सीमित सर्कल में वायरल कर इंटलेक्चुअल नैरेटिव बनाकर नए लोगों को आकर्षित किया जाता था।इसके वीडियो जम्मू-कश्मीर, मद्रास और कर्नाटक तक पहुंचे हैं।
कानपुर यात्रा और संदेहास्पद मूवमेंट—ATS को मिला नया सुराग
दो महीने पहले शाहीन अचानक लखनऊ आई और अपने भाई परवेज को लेकर कानपुर गई। ATS अब जांच कर रही है कि वह कानपुर में
किन लोगों से मिली,
कितनी देर रुकी,
और किन ठिकानों पर गई।
उस दौरान उसके फोन की लोकेशन तीन संदिग्ध जगहों पर मिली,जिनमें से एक जगह पहले भी आतंकी गतिविधियों के लिए चिह्नित है।








