IAS Abhishek Singh Scam: ईडी की छापेमारी से मचा हड़कंप, दलाल निकांत जैन के 3 ठिकानों पर रेड
अभिषेक सिंह कौन हैं और क्यों हुए सस्पेंड?
IAS अभिषेक प्रकाश सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं। उन पर निवेशकों से काम करवाने के नाम पर रिश्वत लेने और बिचौलियों के जरिए धोखाधड़ी करने के गंभीर आरोप लगे हैं। इसी वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया और अब उनके खिलाफ ईडी ने जांच शुरू कर दी है।
ईडी की रेड किन-किन ठिकानों पर हुई?
ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने गुरुवार सुबह लखनऊ, मेरठ और नोएडा में एक साथ छापेमारी की। ये कार्रवाई अभिषेक सिंह के करीबी दलाल निकांत जैन के ठिकानों पर हुई।
लखनऊ: विशालखंड स्थित आवास
मेरठ और नोएडा: निजी परिसरों पर सर्च ऑपरेशन
कार्रवाई के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
दलालों की भूमिका और नए खुलासे
निकांत जैन पर आरोप है कि वह IAS अधिकारी के नाम पर इन्वेस्टर्स से पैसे लेता था। 20 मार्च को यूपी STF ने उसे रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया था। गोमती नगर थाने में केस दर्ज हुआ था और करीब 1600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई थी।
हालांकि जमानत मिल गई थी, लेकिन दूसरी FIR के चलते वह जेल से बाहर नहीं आ सका।
इससे पहले क्या कार्रवाई हुई थी?
STF ने रिश्वत मामले में निकांत को पहले ही जेल भेजा था
गोमतीनगर थाने में दर्ज हुआ था पहला मामला
कोर्ट से जमानत मिलने के बाद दूसरी FIR में फिर से गिरफ्तारी रोक दी गई
अब तक की जांच में क्या सामने आया?
अब ईडी की जांच में नया मोड़ आया है। इंडियन बैंक से 4 करोड़ के लोन घोटाले का मामला सामने आया है।निकांत जैन, उसके भाई सुकांत जैन और वैशाली जैन के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में नई FIR दर्ज की गई है।बैंक प्रबंधक आशीष जिंदल ने रिपोर्ट कराई जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक न्यासभंग के आरोप हैं।
FIR धाराएं:
धारा 409 (आपराधिक न्यासभंग)
धारा 420 (धोखाधड़ी)
धारा 465 (जालसाजी)
सभी धाराएं गैर-जमानती और संगीन अपराधों में आती हैं।