लखनऊ: राजधानी लखनऊ में फर्जी मार्कशीट मामले में एक बार फिर महाराजा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल यूनिवर्सिटी, उत्तराखंड का नाम सामने आया है। मामले में सामने आया कि एक अभ्यर्थी ने सरकारी स्कूल में नौकरी के लिए इस विश्वविद्यालय की मार्कशीट लगाई, जो जांच में फर्जी पाई गई।
गोमतीनगर पुलिस और पूर्वी जोन की क्राइम टीम ने शनिवार को फर्जी मार्कशीट गिरोह के मास्टरमाइंडों को गिरफ्तार किया। इनके पास से 923 फर्जी मार्कशीट और बनाने का सामान बरामद हुआ। गिरफ्तारियों के बाद पता चला कि 25 विश्वविद्यालयों के नाम फर्जी मार्कशीट में शामिल हैं, जिसमें Himalayan Garhwal University भी शामिल है।
इतिहास और आरटीआई फेल
यह विवि पहले भी 2024 में फर्जी मार्कशीट मामले में सुर्खियों में आया था। उस समय मेरठ के एक कॉलेज में प्रवक्ता पद के लिए लगाई गई मार्कशीट फर्जी पाई गई थी। विवि ने आरटीआई का जवाब नहीं दिया था, और तत्कालीन राज्य सूचना आयुक्त ने मौके पर सत्यापन कर फर्जी मार्कशीट की पुष्टि की।
आंकड़े और संभावना
मास्टरमाइंडों ने 2021 से अब तक 1500 छात्रों को फर्जी मार्कशीट बेची। आशंका है कि जिस छात्र ने मेरठ में आवेदन किया, वह इन 1500 छात्रों में से एक हो सकता है। जांच अभी जारी है और अभी भी गिरोह के कुछ सदस्य फरार हैं।







