
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में धर्मांतरण रैकेट का खुलासा होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान कुरैशी सामने आया है, जिसकी असली पहचान ने सबको चौंका दिया है। असल में यह वही शख्स है जिसे उसके गांव वाले महेंद्र उर्फ पप्पू के नाम से जानते थे। महेंद्र ने पहले ईसाई धर्म अपनाया, फिर इस्लाम कबूल कर लिया और अब्दुल रहमान कुरैशी बन गया।
पुलिस जांच में सामने आया है कि अब्दुल रहमान कुरैशी ने योजनाबद्ध तरीके से धर्मांतरण रैकेट खड़ा किया और आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर लोगों को निशाना बनाना शुरू किया। वह लोगों को धर्म परिवर्तन के बदले पैसे, नौकरी और अन्य लालच देकर इस्लाम अपनाने को प्रेरित करता था।
गांव से शुरू हुआ धर्मांतरण का नेटवर्क
गांव के लोगों के अनुसार, महेंद्र कभी साधारण किसान परिवार से था। लेकिन कुछ साल पहले वह शहर चला गया और वापस लौटा तो उसका रहन-सहन, बोलचाल और धार्मिक आस्था पूरी तरह बदल चुकी थी। उसने अपना नाम बदलकर अब्दुल रहमान कुरैशी रख लिया और खुद को धर्मगुरु के तौर पर पेश करने लगा।
उसका मुख्य टारगेट गांव के गरीब, दलित और जरूरतमंद परिवार थे, जिन्हें वह यह कहकर बरगलाता था कि नया धर्म अपनाने से उनके जीवन की परेशानियां खत्म हो जाएंगी।
पुलिस ने दर्ज की FIR, जांच में जुटी ATS
धर्मांतरण की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और ATS की टीमों ने छापा मारा। पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुलिस ने बताया कि कुरैशी के संपर्क में अन्य जिलों से भी कई लोग जुड़े हुए थे, जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
FIR में बताया गया है कि अब्दुल रहमान कुरैशी ने बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के लोगों का जबरन धर्मांतरण कराया। जांच एजेंसियों को शक है कि इसके पीछे कोई बड़ा फंडिंग नेटवर्क भी हो सकता है, जिसकी गहन जांच की जा रही है।