फतेहपुर के आबूनगर इलाके में स्थित 200 साल पुराने नवाब अब्दुल समद के मकबरे पर भगवा झंडा लगाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। सुबह करीब 10 बजे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मकबरे पर पहुंचे और पुलिस की मौजूदगी में इसे मंदिर बताकर तोड़फोड़ शुरू कर दी। कुछ युवकों ने मकबरे की छत पर चढ़कर भगवा झंडा भी लगा दिया। इससे मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क उठे और उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे इलाके में तनाव फैल गया।
घटना के बाद मौके पर 10 थानों की भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई। डीएसपी गौरव शर्मा, एएसपी महेंद्र पाल सिंह और एडीएम अवनीश त्रिपाठी ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब वे नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति नियंत्रण में लाई। इसके बाद हिंदू संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता मकबरे से करीब 500 मीटर दूर डाक बंगला चौराहे पर जाम लगा दिया और सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया।
बवाल को देखते हुए बांदा और कौशांबी से भी पुलिस फोर्स मंगाई गई है, साथ ही छह जिलों के एएसपी को भी घटनास्थल पर बुलाया गया है। हिंदू संगठनों का दावा है कि यह स्थल मकबरा नहीं बल्कि ठाकुरजी का मंदिर है। चार दिन पहले मठ मंदिर संघर्ष समिति ने डीएम को ज्ञापन देकर इसे मंदिर घोषित करने की मांग की थी और 11 अगस्त को यहां जन्माष्टमी मनाने की घोषणा की थी।
डीएम रवींद्र सिंह और एसपी अनुज सिंह ने रविवार को घटना स्थल का निरीक्षण भी किया था। घटना के बाद इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।