DSP ऋषिकांत शुक्ला पर मनोहर का पलटवार, रिश्ते से दुश्मनी तक की जंग
कभी बेहद करीबी रहे दो लोग अब आमने-सामने हैं। डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला और शिकायतकर्ता मनोहर शुक्ला के बीच चल रहा विवाद अब रिश्ता, जमीन और करोड़ों की संपत्तियों के आरोपों तक जा पहुंचा है।100 करोड़ की अवैध संपत्तियों की जांच के बीच अब यह मामला व्यक्तिगत स्तर पर गंभीर मोड़ ले चुका है।
करीबी से दुश्मनी तक: रिश्ता और विवाद की शुरुआत
मनोहर शुक्ला ने आरोप लगाया कि वे कभी डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला के परिवार का हिस्सा थे।उन्होंने कई तस्वीरें और कॉल रिकॉर्ड जारी किए हैं जिनमें वे डीएसपी के परिवार के साथ जन्मदिन और पूजा जैसे पारिवारिक कार्यक्रमों में मौजूद हैं। मनोहर का कहना है —“अगर मैं अपराधी था, तो घर के हर प्रोग्राम में क्यों बुलाते थे? उनकी पत्नी मुझे बार-बार कॉल क्यों करती थीं?”उनका दावा है कि उन्होंने डीएसपी के बेटे के जन्मदिन का पूरा खर्च (1.5 लाख रुपए) खुद उठाया था।
जमीन सौदे से शुरू हुआ विवाद
मनोहर शुक्ला का कहना है कि उनके और डीएसपी के बीच जमीन निवेश को लेकर रेंट एग्रीमेंट हुआ था। वे आरोप लगाते हैं कि जिस जमीन में उन्होंने निवेश कराया था, जब उसकी कीमत 60-70 करोड़ रुपए तक पहुंच गई, तो डीएसपी ने कब्जा कर लिया।“पहले दोस्ती में भरोसा दिलाया, फिर धमकी देकर जमीन हड़प ली,” — मनोहर का आरोप।
एनकाउंटर की धमकी और डर का माहौल
मनोहर के अनुसार जब उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे, तो डीएसपी ने कहा —“जो दिया है वही काफी है, ज़्यादा मांगा तो एनकाउंटर करवा दूंगा।”इस धमकी के बाद मनोहर कुछ समय तक चुप रहे, लेकिन जब अन्य मामलों में भी शिकायतें सामने आईं, तो उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।शिकायत के बाद ही शासन ने डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला पर विजिलेंस जांच शुरू की।
विजिलेंस जांच में 100 करोड़ की संपत्तियों का खुलासा
जांच में अब तक 12 संपत्तियाँ सामने आई हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 92 करोड़ रुपए बताई जा रही है।इसके अलावा कई बेनामी निवेश और फार्महाउस की जानकारी भी मिली है।विजिलेंस की टीम को शक है कि कई कारोबारी, रियल एस्टेट एजेंट और स्थानीय नेता भी इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।
डीएसपी का बचाव और नया आरोप
गंभीर आरोपों के बाद डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला ने सफाई दी कि मनोहर शुक्ला एक “अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति” है और कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला का रिश्तेदार है।इस पर मनोहर ने फिर पलटवार किया —“अगर मैं अपराधी प्रवृत्ति का था, तो आपकी पत्नी मुझे घर बुलाती क्यों थीं? क्या आप अपराधियों से दोस्ती रखते हैं?”
इस जवाब के बाद मामला और पेचीदा हो गया है।








