
छांगुर बाबा धर्मांतरण केस: खुद को बताया बेगुनाह, बोले- 60 लाख न देने पर रची गई साजिश
लखनऊ में अवैध धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग केस में गिरफ्तार जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने खुद को मीडिया के सामने बेगुनाह बताया। शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए छांगुर ने कहा, “मैंने एक भी व्यक्ति का धर्मांतरण नहीं कराया, सभी आरोप झूठे हैं।”
छांगुर ने तीन लोगों के नाम भी लिए – वसीउद्दीन, मोहम्मद अहमद और संतोष सिंह। आरोप लगाया कि ये लोग 60 लाख रुपए की मांग कर रहे थे, और पैसा न देने पर उसे फंसा दिया गया। उसने दोहराया, “मैं निर्दोष हूं, मेरे खिलाफ जो भी बोल रहा है वो पैसे लेकर बोल रहा है।”
ईडी (ED) ने छांगुर बाबा को 5 दिन की कस्टडी रिमांड पर लिया था, जो शुक्रवार को खत्म हो गई। पूछताछ के दौरान दुबई यात्रा, विदेशी फंडिंग और नीतू उर्फ नसरीन से संबंधों पर सवाल पूछे गए, लेकिन छांगुर ने कई बार चुप्पी साधी या गोलमोल जवाब दिए।
ईडी सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में छांगुर ने माना कि उसकी संस्था को पाकिस्तान सहित कई विदेशी स्रोतों से धार्मिक फंडिंग मिली। हालांकि, उसने दावा किया कि ये फंड गरीबों की मदद और धार्मिक कार्यों के लिए थे। दुबई यात्रा के सवाल पर उसने कहा कि टिकट और अन्य व्यवस्था उसके सहयोगियों ने की थी।
नीतू को लेकर छांगुर ने कबूला कि उसने उसे धर्मांतरण की ट्रेनिंग दी थी और वह उसी काम को आगे बढ़ा रही थी। जब ईडी ने उसके नाम पर खरीदी गई संपत्तियों पर सवाल किया, तो छांगुर ने कहा कि नीतू पर उसे भरोसा था।
अब ईडी की नजर छांगुर के करीबी नवीन रोहरा पर है। माना जा रहा है कि नवीन के पास छांगुर की छिपी संपत्तियों की जानकारी है। ईडी ने नवीन को रिमांड पर लेने की अर्जी कोर्ट में दाखिल कर दी है।