Delhi RedFort Blast Case की जांच में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और खुफिया एजेंसियों के अनुसार, हमले में शामिल संदिग्धों का संपर्क एक रहस्यमयी हैंडलर “UKasa” से था, जिसकी लोकेशन तुर्की की राजधानी अंकारा बताई जा रही है।सूत्रों का कहना है कि यह एक कोडनेम हो सकता है और यह व्यक्ति Session App, एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म, के जरिए निर्देश भेजता था।
Session App के जरिए निर्देश, विदेशी हैंडलर की भूमिका जांच के केंद्र में
स्पेशल सेल की जांच बताती है कि संदिग्ध डॉक्टर और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े कई लोग Session App पर सक्रिय थे। यही ऐप हैंडलर और समूह के बीच गोपनीय कम्युनिकेशन चैनल के रूप में इस्तेमाल किया गया।इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत हुई और 20 से अधिक घायल हुए। केंद्र सरकार ने इसे एक आतंकी हमला माना है।
मार्च 2022 में संदिग्धों की अंकारा यात्रा, ब्रेनवॉशिंग की आशंका
जांच एजेंसियों के मुताबिक, मार्च 2022 में कुछ संदिग्ध भारत से अंकारा गए थे। संभावना है कि इस दौरान उनका कट्टरपंथी संगठनों से संपर्क कराया गया और विदेश स्थित मॉड्यूल्स से लिंक बनाए गए।फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की पूछताछ में भी तुर्की यात्रा की पुष्टि हुई है।
तुर्की ने बयान जारी कर आरोपों से किया इनकार
तुर्की के संचार निदेशालय ने बयान जारी कर कहा कि कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन तुर्की पर गलत तरीके से आरोप लगा रहे हैं।तुर्की ने इसे भारत-तुर्की संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाली “भ्रांतिपूर्ण मुहिम” बताया।
ब्लास्ट से पहले 6 दिसंबर की तारीख पर बड़ी साजिश का खुलासा
जांच अधिकारियों ने बताया कि मुख्य हमलावर ने 6 दिसंबर (बाबरी मस्जिद विध्वंस बरसी) के आसपास एक बड़े हमले की योजना बनाई थी।हालांकि 10 नवंबर को रेड फोर्ट के पास कार विस्फोट के दौरान ही संदिग्ध की मौत हो गई।
डीएनए रिपोर्ट से उसकी पहचान की पुष्टि हुई है।








