दिल्ली एसिड अटैक केस: फरेब, झूठ और बदले की साजिश जिसने पुलिस को चौंका दिया
भलस्वा डेयरी से शुरू हुई झूठ की कहानी
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में हुए कथित एसिड अटैक केस ने पूरे शहर को दहला दिया था।सोशल मीडिया पर “छात्रा पर हमला” की खबर वायरल हुई और सहानुभूति की लहर दौड़ पड़ी।लेकिन जब पुलिस जांच आगे बढ़ी, तो पूरी कहानी पलट गई।वही पिता, जो बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहा था, असल में इस फर्जी कहानी का मास्टरमाइंड निकला।पुलिस ने आरोपी पिता को संगम विहार से गिरफ्तार किया, जिसने पूछताछ में कबूल किया —“एसिड अटैक की पूरी कहानी झूठ थी, मैंने खुद रची थी।”
बदले की भावना से रची गई थी साजिश
पुलिस के मुताबिक, आरोपी पिता का एक युवक से पुराना विवाद था।उसी से बदला लेने के लिए उसने अपनी बेटी को शामिल करते हुए फर्जी एसिड अटैक का नाटक रचा।उसने दो अन्य युवकों को भी इस झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की, ताकि विरोधी ग्रुप को बदनाम किया जा सके।
कैसे शुरू हुई यह झूठी कहानी
20 वर्षीय छात्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि तीन लोगों ने बाइक से आकर उस पर एसिड फेंका।उसने तीन युवकों के नाम लिए और आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी उसे लंबे समय से परेशान कर रहा था।घटना के बाद सोशल मीडिया पर “#JusticeForDelhiGirl” ट्रेंड करने लगा, और पूरा देश सहानुभूति से भर गया।
जांच में खुला सच: टॉयलेट क्लीनर, फरेब और ब्लैकमेलिंग की साजिश
जांच में पुलिस को कई विरोधाभासी तथ्य मिले। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन से साबित हुआ कि आरोपी घटना के वक्त मौके पर नहीं था। फॉरेंसिक रिपोर्ट ने खुलासा किया कि लड़की के कपड़ों पर पाया गया तरल एसिड नहीं, बल्कि टॉयलेट क्लीनर था। पुलिस ने आरोपी पिता के मोबाइल से अश्लील वीडियो और तस्वीरें बरामद कीं, जिनसे वह ब्लैकमेलिंग करता था। जितेंद्र की पत्नी की नई शिकायत के बाद मामला पूरी तरह पलट गया और पुलिस ने इसे फर्जी एसिड अटैक केस घोषित कर दिया। अब पिता और बेटी दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।








