चारबाग में आशा वर्कर्स का जोरदार प्रदर्शन, पुलिस ने विधानसभा मार्च रोका
लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर सोमवार को आशा वर्कर्स ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन से संबद्ध ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन के बैनर तले प्रदेशभर से पहुंचीं आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की।
भीषण ठंड में 75 जिलों से पहुंचीं आशा वर्कर्स
भीषण ठंड के बावजूद उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों से आईं आशा वर्कर्स चारबाग रेलवे स्टेशन पर एकत्र हुईं। प्रदर्शनकारी वहां से पैदल विधानसभा की ओर कूच करने की तैयारी में थीं, लेकिन इससे पहले ही पुलिस मौके पर पहुंच गई।
चार थानों की फोर्स ने की बैरिकेडिंग
पुलिस ने चार थानों की फोर्स तैनात कर चारबाग स्टेशन पर चारों ओर से बैरिकेडिंग कर दी और आशा वर्कर्स को आगे बढ़ने से रोक दिया। विधानसभा की ओर बढ़ने की कोशिश के दौरान काफी देर तक हंगामा और नोकझोंक होती रही, लेकिन पुलिस ने किसी भी प्रदर्शनकारी को आगे नहीं जाने दिया।
नारेबाजी जारी, स्टेशन पर धरना
रोक लगाए जाने के बाद आशा वर्कर्स चारबाग रेलवे स्टेशन पर ही धरने पर बैठ गईं और लगातार नारेबाजी करती रहीं। प्रदर्शन के दौरान नारा लगाया गया— “2 हजार में दम नहीं, 20 हजार से कम नहीं।”
आशा वर्कर्स की 5 सूत्रीय प्रमुख मांगें
आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर सरकार से तत्काल निर्णय की अपील की। प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं—
राज्य स्वास्थ्यकर्मी का दर्जा देते हुए 45/46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार
न्यूनतम वेतन, मातृत्व अवकाश, ईएसआई, पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन की गारंटी।10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा और 50 लाख रुपये का जीवन बीमा।
काम के घंटे तय किए जाएं।
2017 से लंबित सभी भुगतानों का आकलन कर तत्काल भुगतान।
सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।








