Bihar Political Crisis Update: शपथ से पहले JDU-BJP में टकराव तेज, शीर्ष नेताओं की दिल्ली में बैठकें जारी
20 नवंबर को बिहार में नई सरकार का शपथ ग्रहण होना है, जिसके लिए पटना के गांधी मैदान में तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। लेकिन इसी बीच JDU के दो वरिष्ठ नेता सोमवार आधी रात अचानक चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचे। बताया जा रहा है कि दिल्ली में उनकी BJP के शीर्ष नेतृत्व और अमित शाह के साथ अहम बैठकों की श्रृंखला होगी।
कैबिनेट के चेहरों और गठबंधन फॉर्मूले पर चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में दोनों दलों के बीच
नई कैबिनेट में हिस्सेदारी,
केंद्रीय कैबिनेट में JDU के विकल्प,
और स्पीकर पद को लेकर फंसे विवाद
पर चर्चा होनी है।
रविवार को भी नेताओं की अमित शाह और जेपी नड्डा से बात हुई थी। मंगलवार को बिहार BJP के कई बड़े नेता भी दिल्ली पहुंचेंगे।
स्पीकर पद पर अटका मामला
बिहार में नई सरकार बनने से पहले विधानसभा अध्यक्ष पद सबसे बड़ा विवाद बना है।
JDU का कहना है कि विधान परिषद सभापति BJP के पास है, इसलिए स्पीकर JDU को मिलना चाहिए।
जबकि BJP का तर्क है कि सबसे बड़ा पद मुख्यमंत्री JDU के पास है, इसलिए स्पीकर पद BJP का होना स्वाभाविक है।
यह मुद्दा गठबंधन के बीच खींचतान को और बढ़ा रहा है।
नई कैबिनेट का फॉर्मूला: ‘6 विधायक = 1 मंत्री’
नई सरकार के लिए दोनों दलों में एक फॉर्मूला तय हुआ है:
हर 6 विधायक पर 1 मंत्री बनाया जाएगा।
JDU और BJP—दोनों के 15-15 मंत्री होंगे।
स्पीकर जिस पार्टी का होगा, उसके कोटे से एक मंत्री कम होगा।
लोजपा को
डिप्टी सीएम पद मिले तो 2 मंत्री,
न मिले तो 3 मंत्री मिलेंगे।
HAM और RLSP से 1-1 मंत्री शामिल होंगे।
शपथ ग्रहण के दो संभावित मॉडल
नई सरकार में शपथ ग्रहण को लेकर दो मॉडल चर्चा में हैं:
मॉडल 1:
CM, Deputy CM और 5–6 मंत्री अभी शपथ लें। बाकी मंत्रियों की शपथ बाद में हो।
मॉडल 2:
CM, दो Deputy CM और 20 मंत्री एक साथ शपथ लें। शेष मंत्री कुछ दिन बाद शामिल हों।
बराबरी के फॉर्मूले पर JDU का सख्त रुख
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, JDU बराबरी की हिस्सेदारी चाहते हुए कह रही है कि
साझेदारी सिर्फ संख्या से नहीं,
बल्कि गठबंधन की गरिमा और पदों के संतुलन से तय होगी।
JDU की प्रमुख मांगें:
एक Deputy CM पद,
स्पीकर JDU,
और उपमुख्यमंत्री के नाम पर CM की अंतिम सहमति।
इन मुद्दों ने JDU–BJP के बीच पावर बैलेंस पर तनाव बढ़ा दिया है।
JDU कोटे में बड़े बदलाव की संभावना कम
पिछली सरकार में JDU के 13 मंत्री थे।सूत्रों का कहना है कि:
इनमें से 10 मंत्रियों को फिर से मौका मिल सकता है।
पार्टी मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल नहीं करना चाहती।








