भारत। साल 2025 का आखिरी Chandra Grahan सोमवार रात एक यादगार खगोलीय घटना बन गया। रात 9:58 बजे जैसे ही चांद पर छाया पड़ी, लोगों ने लगभग 3 घंटे 28 मिनट 2 सेकेंड तक इस अद्भुत नजारे का आनंद लिया। ग्रहण रात 1:26 बजे समाप्त हुआ, लेकिन इस दौरान लाल आभा वाला “Blood Moon” आसमान को बेहद रहस्यमयी बना गया।
भारत में 2022 के बाद सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण
यह चंद्रग्रहण भारत में 2022 के बाद दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण था। लोगों ने करीब डेढ़ घंटे तक चांद के रंग और रूप में आए बदलाव देखे। खगोलविदों के अनुसार, अगला पूर्ण चंद्रग्रहण भारत में 31 दिसंबर, 2028 को दिखाई देगा।
लाल-नीला चांद क्यों दिखता है?
वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस समय सूर्य का प्रकाश सीधे चांद तक नहीं पहुंच पाता, और पृथ्वी का वायुमंडल लाल और नीली रोशनी को मोड़ता है। इस वजह से चांद कभी लाल (Blood Moon) और कभी नीला (Blue Moon) दिखाई देता है।
धार्मिक महत्व और परंपरा
भारतीय परंपरा में चंद्रग्रहण को विशेष महत्व दिया गया है। ग्रहण लगने से पहले सूतक काल का पालन किया गया, जिसमें धार्मिक आयोजन, भोजन और पूजा-अर्चना रोकी जाती है। ग्रहण खत्म होते ही कई स्थानों पर स्नान, दान और मंत्र जाप जैसे अनुष्ठान किए गए।
अगली खगोलीय घटनाएं
अगला पूर्ण चंद्रग्रहण: मार्च 2026
आंशिक चंद्रग्रहण: अगस्त 2026
भारत में अगला पूर्ण चंद्रग्रहण: दिसंबर 2028
साल 2025 का अंतिम Chandra Grahan भारत के लिए केवल एक खगोलीय घटना नहीं, बल्कि आस्था और विज्ञान का संगम भी रहा। नीले और लाल चांद ने इसे और भी खास बना दिया।