फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी का खुलासा: यूपी-बिहार से गोवा तक नेटवर्क, लखनऊ में 60 हजार का फ्लैट और VIP एक्सेस
लखनऊ: फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी का नेटवर्क यूपी, बिहार से लेकर गोवा और दिल्ली तक फैला हुआ था। करीब 4 साल पहले उसने बिहार से फर्जीवाड़े की शुरुआत की और धीरे-धीरे बड़े नेताओं और अफसरों से नजदीकियां बढ़ाकर खुद को असली IAS साबित करने का खेल रचा।
बिहार से शुरू, दिल्ली-गोवा तक नेटवर्क
पुलिस जांच में सामने आया कि सौरभ त्रिपाठी मऊ जिले का रहने वाला है और बिहार से उसने आधा दर्जन IAS अफसरों से संपर्क बनाकर फर्जी पहचान बनाई। सरकारी मीटिंग्स और सेमिनारों में IAS बनकर पहुंचने लगा। बाद में उसने दिल्ली और गोवा में भी अपना नेटवर्क मजबूत किया।
लखनऊ बना ठिकाना, 60 हजार किराये का फ्लैट
सौरभ ने राजधानी लखनऊ के शालीमार वन वर्ल्ड अपार्टमेंट में 60 हजार रुपए किराये का फ्लैट लिया। वह दो गनर और नीली बत्ती लगी गाड़ियों के काफिले के साथ चलता था ताकि लोग उसे वीआईपी समझें। उसकी पत्नी B.Tech ग्रेजुएट है और नौकरी करती है, पूरा परिवार इसी फ्लैट में रहता था।
सीएम-राज्यपाल संग फोटो और फर्जी NIC ईमेल आईडी
फर्जी IAS सौरभ ने अपनी पहचान मजबूत करने के लिए फर्जी NIC और GOV मेल आईडी बनाई। इनसे मंत्रालयों और विभागों में पत्राचार करता और खुद को कैबिनेट स्पेशल सेक्रेटरी बताता था। उसने कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मुलाकात कर तस्वीरें खिंचवाईं और सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं। असम के राज्यपाल और गोवा के सीएम के साथ उसकी फोटो भी वायरल हुई।
सोशल मीडिया और NGO का इस्तेमाल
सौरभ ने LinkedIn, X (Twitter), और Facebook पर IAS अफसर की प्रोफाइल बनाकर लोगों को धोखा दिया। NGO से जुड़कर वह सरकारी बैठकों और आयोजनों में एंट्री करता और प्रभावशाली लोगों के साथ तस्वीरें पोस्ट करता।
कैसे पकड़ा गया फर्जी IAS
करीब 8 दिन पहले एक बिजनेसमैन ने सोशल मीडिया पर उससे संपर्क किया। बातचीत में शक होने पर सीनियर IAS अफसर से जानकारी ली और मामला खुल गया। जांच में पता चला कि उसके पास 25 से ज्यादा फर्जी दस्तावेज हैं।
पुलिस ने वजीरगंज थाना क्षेत्र से उसे गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
डीसीपी क्राइम ने बताया कि उसकी फर्जी ईमेल आईडी, लग्जरी गाड़ियों पर लगे पास और बैंक ट्रांजैक्शन की जांच की जा रही है। साइबर सेल उसकी सोशल मीडिया गतिविधियों की पड़ताल कर रही है। शक है कि उसने दूसरे राज्यों में भी VIP प्रोटोकॉल का फायदा उठाया और ठगी के कई मामले किए हैं।