लखनऊ में रविवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जब घर के अंदर बुजुर्ग शव पाए गए। असीम चक्रवर्ती (65) और उनकी मां बेला चक्रवर्ती (90) करीब 30 घंटे तक घर में ही पड़े रहे। पड़ोसियों ने पूरे दिन घर से कोई न निकलने पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची गाजीपुर पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमॉर्टम कराया।
घर की स्थिति और कुत्ता
घर में दोनों मृतकों के साथ एक पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ता भी था। पड़ोसियों के अनुसार कुत्ता किसी को देखकर भौंक रहा था। बाद में एनजीओ बार्क्स एंड टेल्स ने इस कुत्ते का रेस्क्यू किया।
परिवार और रिश्तेदार
बेला के पति पीसी चक्रवर्ती रेलवे में अकाउंटेंट थे। दोनों मां-बेटे कुत्ते पालकर बेचने का काम करते थे। पहले उनके दो बेटे, अमित और रंजीत की मौत हो चुकी थी। मृतकों के रिश्तेदार ने अंतिम संस्कार रुका रखा और शव लेने से मना कर दिया।
एक व्यक्ति अनिल बनर्जी ने खुद को बेला की बहन चंद्ररानी के भाई होने का दावा किया। उन्होंने बताया कि बहन की मौत के बाद परिवार का आना-जाना बंद हो गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और अनिल से पूछताछ की जा रही है।
घटनास्थल का निरीक्षण
फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। घर में केवल कुत्ता बचा था। यह घटना एक बार फिर लखनऊ में बुजुर्गों की सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी पर सवाल खड़ा करती है।