उत्तर प्रदेश में न्यायिक कार्य को बेहतर बनाने के लिए CM योगी ने कई महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हर जिला जज के लिए AC लगाए जाएंगे, जिससे न्यायिक कार्य के दौरान जजों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा, प्रदेश सरकार कॉर्पस फंड लाकर न्यायिक सेवा में लगे अधिकारियों के काम को और प्रभावी बनाएगी।
न्यायिक कार्यों में सुधार और जजों की कमी
CM योगी ने कहा कि जनसंख्या के अनुपात में न्यायाधीशों की संख्या बेहद कम है। वर्तमान में यूपी में 10 लाख जनसंख्या पर केवल 11 जज हैं, जबकि गुजरात में यह संख्या 15, दिल्ली में 20 और मध्य प्रदेश में 23 है। इससे लंबित मामले बढ़ रहे हैं और आम लोगों को “तारीख पर तारीख” का सामना करना पड़ता है।
2024 में उत्तर प्रदेश में लगभग 29 लाख 83 हजार मामले लंबित हैं। नए केस की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रत्येक न्यायिक अधिकारी औसतन हर साल सवा लाख से अधिक मामलों का निस्तारण कर रहे हैं।
न्यायपालिका में सकारात्मक बदलाव
CM योगी ने अपने कार्यकाल में न्यायपालिका में हुए सुधारों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि न्यायिक अधिकारियों के वेतन में वृद्धि हुई है और पारिवारिक न्यायालय, भूमि अधिग्रहण अधिकरण, मोटर दुर्घटना प्रतिकर अधिकरण जैसे स्वतंत्र और विशेष न्यायालय बनाए गए हैं।
इसके साथ ही उन्होंने जिला जज AC लगाने और न्यायिक कार्य में लगे कर्मचारियों की सुरक्षा संबंधी प्रस्तावों को लागू करने का आश्वासन भी दिया।
उच्च न्यायालय और तकनीकी बदलाव
CM योगी ने कहा कि उच्च न्यायालय में स्वीकृत पदों के मुकाबले केवल 33% जज कार्यरत हैं। इसके अलावा, न्यायालयों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल सुविधाएं और वेटिंग हॉल की व्यवस्था जरूरी है।
न्यायिक सुधारों में ई-फाइलिंग, वर्चुअल हियरिंग और रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण शामिल हैं। इन पहलुओं से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ती है।
जनता के लिए न्याय और निष्पक्षता
CM योगी ने कहा कि जिला न्यायपालिका आम जनता के लिए न्याय का पहला दरवाजा है। जज का व्यवहार, समय पर फैसले और निष्पक्षता आम लोगों के लिए न्याय की वास्तविक पहचान है।
न्यायिक प्रणाली का उद्देश्य केवल फैसले देना नहीं, बल्कि आम लोगों के जीवन में आशा और भरोसा बनाए रखना है।