
प्रयागराज के परामुक्ति थाने में तैनात दरोगा राजेश यादव छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे। 11 जुलाई को अचानक उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई, जिसके बाद परिजनों ने उन्हें अयोध्या रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बेटे ऋषभ यादव का आरोप है कि भर्ती के तुरंत बाद ही अस्पताल स्टाफ ने उन्हें वेंटिलेटर पर रख दिया और इलाज से जुड़ी जानकारी पारदर्शिता के साथ साझा नहीं की गई।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड थाना क्षेत्र में स्थित अयोध्या रोड के एक निजी अस्पताल में भर्ती प्रयागराज में तैनात दरोगा राजेश यादव (उम्र 45 वर्ष) की वेंटिलेटर पर मौत हो गई। दरोगा की मृत्यु के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही और जानबूझकर मौत छिपाने का आरोप लगाया।
परिवार का कहना है कि राजेश यादव की मौत सुबह ही हो चुकी थी, लेकिन अस्पताल ने अधिक बिल वसूलने के लिए उन्हें रात तक वेंटिलेटर पर रखा और देर शाम उन्हें मृत घोषित किया गया। घटना की जानकारी मिलने पर सोमवार रात पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
मृतक के बेटे ऋषभ यादव ने बताया कि वह अस्पताल प्रशासन के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज कराएंगे। मामले में पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है।
लखनऊ के चिनहट क्षेत्र के नंदपुर निवासी 45 वर्षीय राजेश यादव प्रयागराज के परामुक्ति थाने में दरोगा के पद पर तैनात थे। वे इन दिनों छुट्टी पर घर आए हुए थे। इसी दौरान 11 जुलाई को अचानक उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई, जिसके बाद परिजनों ने उन्हें अयोध्या रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में उनका इलाज जारी था। बेटे ऋषभ यादव का आरोप है कि भर्ती के तुरंत बाद ही अस्पताल स्टाफ ने उनके पिता को वेंटिलेटर पर रख दिया और इलाज की स्थिति को लेकर परिवार को स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।
परिवार को सोमवार देर रात करीब 12 बजे शव सौंपा गया। इस दौरान स्थानीय थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाया और माहौल को शांत किया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच की जाएगी। मामले पर सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने कहा कि यदि परिजनों की ओर से औपचारिक शिकायत मिलती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य पहलुओं की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, निजी अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है और पूरा उपचार प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया था।