IIT Kanpur News: 2000 बैच के पूर्व छात्रों की ₹100 करोड़ की महा गुरुदक्षिणा, बनेगा नया स्कूल
Indian Institute of Technology Kanpur के वर्ष 2000 बैच के पूर्व छात्रों ने सिल्वर जुबली पुनर्मिलन समारोह के दौरान संस्थान को ₹100 करोड़ की ऐतिहासिक ‘महा गुरुदक्षिणा’ देने की घोषणा की है। यह पहला मौका है जब किसी एक ही बैच ने एक ही वर्ष में इतना बड़ा योगदान किसी IIT को दिया है।
₹100 करोड़ से बनेगा नया ‘Millennium School’
इस दान राशि का उपयोग IIT कानपुर में ‘Millennium School of Technology and Society’ की स्थापना के लिए किया जाएगा। इस स्कूल का उद्देश्य तकनीक, समाज और नीति के बीच तालमेल को मजबूत करते हुए भविष्य की पीढ़ी को उन्नत तकनीकी शिक्षा और शोध के अवसर प्रदान करना है।
IIT Alumni Donation: टेक्नोलॉजी और समाज को जोड़ने की पहल
इस ऐतिहासिक पहल में प्रमुख पूर्व छात्रों का सहयोग रहा है, जिसमें इनमोबी और ग्लांस जैसे वैश्विक तकनीकी स्टार्टअप्स के संस्थापक भी शामिल हैं। संस्थान का मानना है कि यह स्कूल नवाचार, रिसर्च और सामाजिक प्रभाव से जुड़े नए आयाम खोलेगा।
संस्थान और पूर्व छात्रों के रिश्ते की मिसाल
IIT कानपुर प्रशासन ने इस योगदान को पूर्व छात्रों और संस्थान के बीच मजबूत और अटूट संबंध का प्रतीक बताया है। यह सहयोग न केवल शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि भारत के तकनीकी इकोसिस्टम को भी नई दिशा देगा।
पहले भी मिल चुका है रिकॉर्ड दान
IIT कानपुर को पिछले वर्ष दानदाताओं से ₹265 करोड़ से अधिक की फंडिंग मिली थी। वहीं, संस्थान के मेडिकल साइंसेज और टेक्नोलॉजी स्कूल को अब तक करीब ₹500 करोड़ का दान प्राप्त हो चुका है, जिसने मेडिकल रिसर्च और हेल्थ टेक्नोलॉजी को गति दी है।
IITs में मजबूत हो रही Alumni Giving की परंपरा
पूर्व छात्रों द्वारा सहयोग की यह परंपरा केवल कानपुर तक सीमित नहीं है।
IIT कानपुर के 1986 बैच ने हाल ही में मानसिक स्वास्थ्य और सामुदायिक सुविधाओं के लिए ₹11 करोड़ का योगदान दिया।
Indian Institute of Technology (BHU) Varanasi को पिछले पांच वर्षों में ₹100 करोड़ से अधिक का दान मिला है, जिससे लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर विकसित हो रहे हैं।
Motilal Nehru National Institute of Technology Allahabad में पूर्व छात्रों के सहयोग से अत्याधुनिक स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर का निर्माण चल रहा है।
Education News: IIT Alumni बना रहे नई मिसाल
शिक्षा जगत में यह ट्रेंड साफ दिख रहा है कि IITs के पूर्व छात्र अब संस्थानों के दीर्घकालिक विकास में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। ₹100 करोड़ की यह महा गुरुदक्षिणा इसी सोच की सबसे बड़ी मिसाल बनकर सामने आई है।







