लखनऊ के डालीबाग इलाके में अवैध रूप से रह रहे संदिग्ध रोहिंग्या और बांग्लादेशी मूल के लोगों के खिलाफ पुलिस ने बड़ा अभियान चलाया। खुद को अनपढ़ मजदूर बताने वाले इन लोगों की झुग्गियों में पुलिस को कई चौंकाने वाली चीजें मिलीं। आजतक की पड़ताल में पता चला कि अस्थायी बस्तियों के भीतर उर्दू की किताबें, बिजली व्यवस्था, पंखे, बल्ब और VIP कैंप जैसी सुविधाएं मौजूद थीं।
झुग्गियों से मिले संदिग्ध दस्तावेज
छापेमारी के दौरान पुलिस ने वहां मौजूद लोगों के आधार कार्ड और NRC से जुड़े दस्तावेजों की जांच की। हैरानी की बात है कि लगभग सभी संदिग्धों के आधार कार्ड असम के बरपेटा जिले के निकले। पुलिस ने बताया कि इन दस्तावेजों की सत्यता जांचने के लिए असम पुलिस से संपर्क किया गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पहचान पत्र असली हैं या फर्जी तरीके से तैयार कराए गए हैं।
VIP कैंप जैसी सुविधाएं देखकर पुलिस भी हैरान
जिन झुग्गियों को बाहरी तौर पर अस्थायी बताया जा रहा था, उनमें अंदर जाकर पुलिस को बिजली कनेक्शन, पंखे, बल्ब, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, साफ-सुथरी रहने की जगह जैसी सुविधाएं मिलीं। कुछ स्थानों पर यह व्यवस्था किसी अस्थायी VIP कैंप जैसी दिखी।
उर्दू किताबों का मिलना बढ़ाता है शक
जांच के दौरान वहां उर्दू भाषा की कई किताबें भी मिलीं। जबकि अधिकांश लोग खुद को अनपढ़ बताकर नगर निगम में मजदूरी करने का दावा कर रहे थे। इससे पुलिस को शक है कि दस्तावेजों के साथ-साथ उनकी पहचान की कहानी भी बनावटी हो सकती है।








