लुकआउट नोटिस के 24 घंटे बाद STF ने पकड़ा फरार सिपाही; नशीले कफ सिरप सिंडीकेट, विदेश भागने की योजना और नेटवर्क पर बड़ा खुलासा संभावित
नशीले कफ सिरप तस्करी मामले में फरार चल रहा बर्खास्त सिपाही STF के हत्थे चढ़ गया। मंगलवार को उसे लखनऊ से तकनीकी निगरानी और पुख्ता इनपुट के आधार पर गिरफ्तार किया गया। एक दिन पहले ही उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था, क्योंकि वह विदेश भागने की फिराक में था।गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसने दावा किया कि वह कोर्ट में आत्मसमर्पण करने जा रहा था, लेकिन STF ने उससे पहले ही उसे दबोच लिया।
लुकआउट के बाद पकड़ा गया, विदेश भागने की तैयारी में था आरोपी
कफ सिरप सिंडीकेट में कई गिरफ्तारियों के बाद आरोपी सिपाही अपना नेटवर्क बचाने के लिए देश छोड़ने की कोशिश कर रहा था। STF ने
उसके ठिकानों पर लगातार दबिश
मोबाइल लोकेशन
और तकनीकी निगरानी
के जरिए उसे लखनऊ कोर्ट के बाहर ही पकड़ लिया।
2006 के सोना लूट केस से लेकर कफ सिरप सिंडीकेट तक
आरोपी का नाम पहली बार 2006 में सामने आया था, जब प्रयागराज के कारोबारी से 4 किलो सोना लूटने के मामले में वह छह अन्य लोगों के साथ नामजद हुआ था।हालाँकि अदालत ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।बाद में उसका नाम
गाजियाबाद की FIR
और लखनऊ में कफ सिरप तस्करी केसमें जोड़ा गया। जांच में पता चला कि सिंडीकेट के संचालन और संरक्षण में उसकी भूमिका संदिग्ध थी।
सिंडीकेट का विस्तार: रियल एस्टेट, फर्जी फर्म और संभावित दुबई कनेक्शन
STF को पूछताछ से उम्मीद है कि आरोपी से
अंतरराज्यीय नेटवर्क
दुबई कनेक्शन
रियल एस्टेट के जरिए धन निवेश
फर्जी फर्मों के माध्यम से मनी सर्कुलेशन
जैसे बड़े खुलासे हो सकते हैं।
जांच एजेंसियाँ इस बात पर भी फोकस कर रही हैं कि सिंडीकेट को किन “सफेदपोश” और प्रभावशाली लोगों का संरक्षण मिल रहा था।







