‘धुरंधर’ रिलीज से पहले जानें चौधरी असलम की असली कहानी: पाकिस्तानी पत्रकार ने सुनाई कराची के आतंक व ऑपरेशन्स की सच्चाई
रणवीर सिंह की फिल्म ‘धुरंधर’ रिलीज से पहले ही चर्चा में है। फैंस ट्रेलर को काफी पसंद कर रहे हैं, जबकि फिल्म की कहानी कराची के ल्यारी इलाके और वहां सक्रिय कुख्यात गैंग नेटवर्क पर आधारित बताई जा रही है। फिल्म में एक्शन, क्राइम और वास्तविक ऑपरेशन्स का जो चित्रण दिखाया गया है, वह पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी चौधरी असलम के जीवन से प्रेरित बताया जा रहा है।
चौधरी असलम कराची पुलिस की उन शख्सियतों में शामिल रहे, जिन्होंने गैंगस्टर नेटवर्क, टारगेट किलर्स, ड्रग सिंडिकेट्स और कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन्स का नेतृत्व किया। उनकी निडर कार्यशैली, अपराधियों से सीधी टक्कर और लगातार मिलती धमकियों के बावजूद उनका काम जारी रहना उन्हें पाकिस्तान में एक विवादित लेकिन प्रभावशाली चेहरा बनाता था।2014 में एक बड़े धमाके में उनकी मौत ने पाकिस्तान की सुरक्षा प्रणाली पर कई सवाल खड़े किए।
फिल्म ‘धुरंधर’ में चौधरी असलम की कहानी का फिल्मी रूप
फिल्म में एक पुलिस अधिकारी का किरदार असलम के जीवन से प्रेरित बताया जाता है। फिल्ममेकर्स ने इसे सिनेमाई रूप जरूर दिया है, लेकिन इसकी नींव कराची में अपराध के खिलाफ छेड़ी गई असली लड़ाइयों पर आधारित है—खासतौर पर ल्यारी ऑपरेशन्स, CTD अभियान और TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के खिलाफ कार्रवाई।
पाकिस्तानी पत्रकार ने बताई असल चौधरी असलम की दुनिया
फिल्मी कहानी से अलग पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकारों ने असलम से जुड़े कई वास्तविक अनुभव साझा किए हैं।एक पत्रकार ने बताया कि कैसे एक दिन असलम ने अचानक फोन कर कहा: “TTP के आतंकी बलदिया टाउन में छुपे हैं, चाहो तो ऑपरेशन कवर करो।” जैसे ही पत्रकार टीम के साथ वहां पहुंचे, दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई। असलम, जो सफेद कुर्ता-पायजामा पहने मौके पर मौजूद थे, पत्रकारों को बख्तरबंद पुलिस वैन में सुरक्षित करवाते नजर आए।
इस ऑपरेशन में:
TTP के दो आतंकी सुसाइड जैकेट सहित मारे गए,
एक आतंकी पुलिस की गोली से ढेर हुआ,
और दो को घायल अवस्था में पकड़ा गया।
पत्रकार के अनुसार, यह मुठभेड़ असलम की दुनिया की असलियत—कठोर, खतरनाक और बिना किसी फ़िल्टर की—सीधे सामने लाती है, जिसे फिल्में पूरी तरह नहीं दिखा सकतीं।
ल्यारी ऑपरेशन: माफिया, गैंगवार और राजनीति का ताना-बाना
कराची का ल्यारी इलाका दशकों से माफियाओं, ड्रग सिंडिकेट्स, टारगेट किलर्स और राजनीतिक समर्थन से पल रहे गैंगों का केंद्र रहा है।सरकार ने जब ‘ल्यारी ऑपरेशन’ मंजूर किया, तो उसकी कमान चौधरी असलम ने संभाली।यह ऑपरेशन:
लगभग 15 दिनों तक चला,
पुलिस कई बार प्रवेश ही नहीं कर पाई,
भारी नुकसान झेलना पड़ा,
और कई गैंगस्टर या तो भाग गए या भूमिगत हो गए।
इस इलाके की बड़ी आबादी गरीबी रेखा के नीचे रहती है, जहां अपराध और राजनीति ने मिलकर एक जटिल सामाजिक ढांचा बना दिया है।
फिल्म में दिखाया रहमान डकैत—असल जीवन से प्रेरित किरदार
फिल्म में दिखाया जाने वाला कराची का गैंगस्टर किरदार भी वास्तविक ल्यारी गैंगस्टर नेटवर्क से प्रेरित माना जाता है।
ल्यारी के कई अपराधी स्थानीय राजनीति की वजह से लंबे समय तक सक्रिय रहे और उनका प्रभाव आम लोगों के जीवन तक फैला हुआ था।








