अग्निवीर योजना के खिलाफ 2022 में हुए देशव्यापी आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में 52 युवाओं पर दर्ज गंभीर मामलों को योगी सरकार वापस लेने की तैयारी कर रही है। इन युवाओं पर विरोध प्रदर्शनों के दौरान सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी।
केंद्र सरकार की नियुक्ति नीति को लेकर उस समय भारी विरोध हुआ था और कई राज्यों की तरह यूपी में भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। कई जगह तोड़फोड़ की घटनाएँ सामने आई थीं, जिसके बाद पुलिस ने 52 युवाओं के खिलाफ मामले दर्ज किए थे।
सरकार ने मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की
युवाओं पर दर्ज इन केसों को वापस लेने की प्रक्रिया अब तेज कर दी गई है। दो जनप्रतिनिधियों द्वारा सरकार को भेजे गए अनुरोध के बाद यह कदम उठाया गया है। 30 अक्टूबर को प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आग्रह किया था कि इन युवाओं के भविष्य को देखते हुए मामले वापस लिए जाएँ। इसके बाद सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
11 जिलों से एफआईआर की पूरी रिपोर्ट तलब
सरकार ने आदेश जारी कर 11 जिलों के डीएम और एसएसपी से सभी संबंधित थानों के केस रिकॉर्ड मंगवाए हैं। जैसे ही रिपोर्ट प्राप्त होगी, आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर मुकदमे औपचारिक रूप से वापस लिए जाएंगे।
युवाओं और परिवारों को मिलेगी बड़ी राहत
यह फैसला उन 52 परिवारों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है, जो तीन वर्षों से इन मामलों का सामना कर रहे थे।सरकार का यह कदम युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।








