लखनऊ में बुधवार को प्रदेशभर से 200 से ज्यादा दिव्यांग एकजुट होकर हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे। दिव्यांग महागठबंधन के बैनर तले इकट्ठे हुए प्रदर्शनकारियों ने रोजगार, पेंशन बढ़ोतरी और नियुक्तियों की मांग को लेकर सरकार से कार्रवाई की गुहार लगाई।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे लंबे समय से लेखपाल पद की नियुक्ति और अन्य सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुनवाई नहीं हुई। कई अभ्यर्थियों ने 2022 की परीक्षा पास करने के बावजूद नियुक्ति पत्र न मिलने का आरोप लगाया है।
27 सूत्री मांगों में रोजगार और ₹5000 पेंशन शामिल
दिव्यांग समुदाय ने 27 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा, जिनमें प्रमुख मांगें हैं—
राज्य पेंशन को ₹1000 से बढ़ाकर ₹5000 प्रतिमाह करना
दिव्यांगजनों के लिए 10% आरक्षण
नौकरी और स्वास्थ्य सेवाओं की 100% गारंटी
दिव्यांग कर्मचारियों को गृह जनपद में तैनाती
बिजली बिल में पूरी छूट, साथ ही घरों में निशुल्क मीटर
सामाजिक सुरक्षा और शिक्षा में विशेष नीति
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें केवल आश्वासन मिलता है, जबकि वास्तविक समर्थन न के बराबर है।
188 पदों पर नियुक्ति लंबित, दिव्यांगों में नाराजगी
दिव्यांग अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि लेखपाल के 188 रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया रुकी हुई है और अधिकारियों द्वारा बार-बार गुमराह किया जा रहा है। उनका कहना है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो प्रदेश के लाखों दिव्यांग आगामी चुनाव में बड़ा फैसला कर सकते हैं।
“₹1000 पेंशन में घर चलाना असंभव”
प्रदर्शन में शामिल दिव्यांगों ने कहा कि—
₹1000 की मासिक पेंशन में आज के समय में जीवन यापन संभव नहीं
सिलेंडर से लेकर दवाई तक, हर खर्च महंगा
आयुष्मान कार्ड न बनने से इलाज मुश्किल
शिकायत दर्ज कराने पर पुलिस द्वारा सहयोग न मिलने की भी बात कही गई
उनका कहना है कि शब्द बदलने से जीवन नहीं बदलता, वास्तविक बदलाव सुविधाओं से आता है।







