बिहार में नई सरकार गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। बुधवार को बीजेपी और जेडीयू विधायक दल की बैठकें होंगी, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बीजेपी की ओर से पर्यवेक्षक बनाया गया है। नीतीश कुमार का दोबारा मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है और दोपहर तक इस पर औपचारिक मुहर लगने की उम्मीद है।
NDA की संयुक्त बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुना जा सकता है। इसके बाद गुरुवार को गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा।हालाँकि, बीजेपी के डिप्टी सीएम चेहरे को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, और यहीं सबसे बड़ा राजनीतिक सवाल खड़ा होता है—क्या सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को दोबारा डिप्टी सीएम बनाया जाएगा या बीजेपी नया चेहरा चुन सकती है?
बिहार में बीजेपी डिप्टी सीएम बदलने का पैटर्न जारी रहा है
बीजेपी ने पिछले तीन बार में अपने डिप्टी सीएम चेहरे बदले हैं।
2005–2013: सुशील मोदी
2020–2022: तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी
2024: सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा
इस पैटर्न के चलते यह चर्चा तेज है कि पार्टी एक बार फिर बदलाव कर सकती है।हालाँकि, चुनाव अभियान के दौरान अमित शाह ने सम्राट चौधरी को ‘बड़ा नेता’ बनाने की बात कही थी। साथ ही सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की जोड़ी के नेतृत्व में NDA को ऐतिहासिक जीत मिली है। इसी वजह से दोनों को दोबारा मौका मिलने की संभावना भी मजबूत मानी जा रही है।
बीजेपी के सामने तीन बड़े विकल्प
1. मौजूदा तिकड़ी को बनाए रखना- यदि बीजेपी अपने वर्तमान रणनीतिक संतुलन—गैर-यादव ओबीसी, सवर्ण और कोर वोटबैंक—पर भरोसा जताती है, तो सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा अपने पद पर बने रह सकते हैं।
2. नया चेहरा लाना- बीजेपी अपने ‘चेहरा बदलने’ के पैटर्न पर चलते हुए नए नेता को मौका दे सकती है।
यह कदम जातीय समीकरण और भविष्य की राजनीतिक योजनाओं के अनुसार हो सकता है।
3. महिला डिप्टी सीएम की वापसी- 2020 में बीजेपी ने रेणु देवी को डिप्टी सीएम बनाकर महिला वोटरों को साधा था।
इस चुनाव में महिला वोटर NDA की जीत का बड़ा कारण रहे हैं, इसलिए बीजेपी किसी महिला विधायक को फिर से यह जिम्मेदारी दे सकती है।








