Lucknow News: लखनऊ नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक लालबाग स्थित मुख्यालय में बुधवार को हंगामेदार रही।कामकाज ठप होने और निर्णयों पर अमल न होने को लेकर पार्षदों ने निगम अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए।पार्षद अरुण राय और पृथ्वी गुप्ता जमीन पर बैठकर धरने पर उतर आए, जिसके बाद माहौल गरम हो गया।
करीब सवा घंटे तक चली बैठक हंगामे के बाद स्थगित कर दी गई।
काम नहीं होने पर पार्षदों का विरोध
पार्षद पृथ्वी गुप्ता ने कहा कि पिछले ढाई साल में कार्यकारिणी और सदन के निर्णयों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने कहा —“जब जनता हमसे सवाल करती है तो हमारे पास जवाब नहीं होता। मजबूरी में हमें धरने पर बैठना पड़ा।”
इस दौरान कई पार्षदों ने मेयर और नगर आयुक्त पर कार्यों में लापरवाही और जवाबदेही की कमी के आरोप लगाए।
अधिकारियों पर लापरवाही के गंभीर आरोप
कार्यकारिणी सदस्य अनुराग मिश्रा अन्नू ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं।उन्होंने कहा —“दीपावली पर लाइटिंग से लेकर पैचवर्क तक सब गड़बड़ है। सुलभ और पिंक टॉयलेट की स्थिति बदतर है।”उन्होंने बताया कि चरक चौराहे पर टॉयलेट बंद पड़ा है, संविदा कर्मियों के पद खाली हैं,और मृतक आश्रितों के मामलों में कोई प्रगति नहीं हुई।पार्षदों ने कहा कि “विभागीय आख्या के नाम पर फाइलें बस लटकी रहती हैं, जबकि जनता परेशान है।”
लाइटिंग, टैक्स और संविदा कर्मियों पर उठे सवाल
बैठक में पार्षदों ने दीपावली लाइटिंग, हाउस टैक्स वसूली और संविदा कर्मियों की तैनाती को लेकर भी सवाल उठाए।उन्होंने बताया कि 22 वार्डों के लिए सिर्फ 11 टीमों को लगाया गया है और सिर्फ एक क्रेन काम कर रही है।
करीब 400 लाइनमैन काम छोड़कर जा चुके हैं, जिससे बिजली और लाइटिंग का काम ठप पड़ा है।
पार्षदों ने कहा —“हाउस टैक्स में मनमानी चल रही है। 12 लाख का नोटिस देकर 2 लाख में निपटारा कर दिया जाता है।”
मेयर और नगर आयुक्त में नहीं बनी सुलह
सूत्रों के मुताबिक, मेयर और नगर आयुक्त के बीच मतभेद लगातार बढ़ते जा रहे हैं।बैठक में दोनों के बीच कई बार तेज बहस हुई।हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा की जा रही है और समाधान जल्द निकाला जाएगा।बैठक में मेयर सुषमा खर्कवाल, 12 कार्यकारिणी सदस्य और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
 
								 
															 
															 
															
 
															










 
											




