बरेली हिंसा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों की हत्या की साजिश भी रची थी। गिरफ्तार आरोपी नदीम ने पूछताछ में बताया कि जुमे के दिन सड़कों पर भीड़ को भड़काया गया और खुलेआम कहा गया— “हमारे नबी की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं होगी, इसकी एक ही सजा है- सर तन से जुदा।”
पुलिस जांच में सामने आया है कि हिंसा की साजिश आईएमसी नेता नदीम और उसके साथियों ने रची। उनके उकसावे पर हजारों की भीड़ जमा हुई। बाहर से अपराधियों को बुलाया गया, जिनके पास अवैध हथियार भी थे।
FIR में दर्ज बयान के मुताबिक, भीड़ को यह कहकर भड़काया गया कि— “आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहे पुलिस वालों की हत्या करनी पड़े। मुसलमानों को अपनी ताकत दिखानी है।” यह कथित निर्देश मौलाना तौकीर रजा से जुड़ा बताया गया है।
इसके बाद भीड़ ने धार्मिक नारे लगाते हुए पुलिस पर हमला कर दिया। छतों से पत्थर फेंके गए, गोलीबारी हुई और पुलिस पर सीधा हमला बोला गया। लाठीचार्ज के दौरान उपद्रवी भाग निकले लेकिन यह पूरा घटनाक्रम ड्रोन फुटेज में कैद हो गया।
अब तक 80 से अधिक दंगाइयों की गिरफ्तारी हो चुकी है और तीन का एनकाउंटर हुआ है। पुलिस ने एनकाउंटर में इदरीस और इकबाल से लूटे गए एंटी-रायट गन और वायरलेस सेट बरामद किए। दोनों आरोपी मूल रूप से शाहजहांपुर के रहने वाले हैं और हिंसा फैलाने के लिए बरेली बुलाए गए थे।