Ladakh Violence 2025: सोनम वांगचुक का सरकार पर हमला, बोले- बलि का बकरा बनाया जा रहा, युवाओं की नाराजगी असली वजह
लद्दाख न्यूज: Ladakh Violence पर जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हिंसा की जड़ युवाओं की बेरोजगारी, अधूरे वादे और लंबे समय से अनदेखी की जा रही मांगें हैं। छह साल से बेरोजगारी और अधूरे वादों ने युवाओं का धैर्य खत्म कर दिया है। सरकार आंशिक आरक्षण का दिखावा कर रही है, जबकि असली मांग राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का विस्तार अब भी अधूरी है।
सरकार बलि का बकरा तलाश रही है
वांगचुक ने गृहमंत्रालय के उस बयान को खारिज किया, जिसमें हिंसा के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया था। उन्होंने कहा- “सरकार असली समस्या को नजरअंदाज कर रही है और बलि का बकरा तलाश रही है।”
जेल भेजने की तैयारी, पर मिली चेतावनी
वांगचुक ने कहा कि उन्हें पीएसए (जनसुरक्षा कानून) के तहत दो साल के लिए जेल भेजने की तैयारी हो रही है। उन्होंने साफ कहा कि “अगर मुझे जेल भेजा गया तो सरकार की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ेंगी।”
युवाओं की नाराजगी को बताया असली वजह
सोनम वांगचुक का कहना है कि युवाओं की नाराजगी, अधूरी मांगें और बेरोजगारी लद्दाख हिंसा की जड़ हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि असली मुद्दों से ध्यान हटाकर दोषारोपण की राजनीति की जा रही है।
लद्दाख में अब तक की सबसे बड़ी हिंसा
लेह में राज्य के दर्जे की मांग को लेकर हुए आंदोलन में पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़ हुई। चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल हुए जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। हालात बिगड़ने पर प्रशासन ने पूरे लेह जिले में कर्फ्यू लगा दिया।
गृहमंत्रालय ने कहा कि लद्दाख हिंसा भड़काने में राजनीतिक रूप से प्रेरित व्यक्तियों और सोनम वांगचुक जैसे नेताओं की भूमिका है। वहीं उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि लेह की हिंसा एक “सुनियोजित साजिश” का नतीजा थी और जिम्मेदार लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।