प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से कई द्विपक्षीय समझौते होने. व्यापार और निवेश बढ़ने तथा 2026 में भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है, जिससे वैश्विक मंच पर ग्लोबल साउथ की आवाज और अधिक होगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जुलाई तक पांच देशों की महत्वपूर्ण यात्रा पर गए है, जिसमें घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया शामिल हैं. उनकी यह यात्रा, इनमें से कुछ देशों के लिए कई दशकों में अपनी तरह की पहली यात्रा है.
यह यात्रा ग्लोबल साउथ के साथ संबंधों को गहरा करने, आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी नवाचार में साझा चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे और ब्राजील में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे
घाना: ऐतिहासिक संबंधों और आर्थिक सहयोग को मिलेगी मजबूती

प्रधानमंत्री मोदी का पहला पड़ाव 2-3 जुलाई को घाना में होगा. यह 30 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी, जो भारत-घाना संबंधों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने का संकेत है. राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा पीएम मोदी की मेजबानी करेंगे. इस यात्रा में औपचारिक स्वागत, प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता और द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा और उन्हें बढ़ाने के लिए आमने-सामने की बैठक शामिल है.
घाना के नेतृत्व के साथ प्रधानमंत्री की मुलाकातों के दौरान, कृषि, वैक्सीन डेवलपमेंट, रक्षा सहयोग, महत्वपूर्ण खनिज और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. 3 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी घाना की संसद को संबोधित करेंगे, जिसमें वे सांसदों के साथ साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और घाना के विकास में भारत के योगदान पर चर्चा करेंगे. पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना अफ्रीका का सबसे पुराना लोकतंत्र है.
घाना में रहते हुए, प्रधानमंत्री मोदी देश में 15,000 की संख्या वाले भारतीय प्रवासियों से भी बातचीत करेंगे, जिससे लोगों के बीच आपसी संपर्क मजबूत होगा. 3 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ, जो मुख्य रूप से सोने के आयात पर आधारित है और 2 बिलियन डॉलर के भारतीय निवेश के साथ, दोनों देश आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखते हैं. खासकर तब जब घाना आईएमएफ की शर्तों के तहत आर्थिक पुनर्गठन कर रहा है. दोनों देशों के बीच कई समझौता ज्ञापनों (MOUs) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जो संभवतः ट्रेडिशनल मेडिसिन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में होंगे, जिससे 1957 में घाना की स्वतंत्रता के लिए भारत के ऐतिहासिक समर्थन पर आधारित बहुआयामी संबंध और प्रगाढ़ होंगे.
त्रिनिदाद और टोबैगो: साझा विरासत और प्रवासी संबंधों का जश्न

प्रधानमंत्री मोदी 3-4 जुलाई को कैरेबियाई देश त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा पर जाएंगे. 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. यह यात्रा त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों के आगमन की 180वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है. यह दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृति और ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित करने वाला मील का पत्थर है. त्रिनिदाद और टोबैगो की 40-45% आबादी भारतीय मूल की है, जिसमें राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर भी शामिल हैं. इस यात्रा के दौरान एक बड़े प्रवासी संपर्क कार्यक्रम की योजना बनाई गई है.
प्रधानमंत्री मोदी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर के साथ उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स, रिन्यूएबल ऊर्जा, डिजिटल इंफ्रा और कृषि पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. वह त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों को दर्शाता है. इस यात्रा का उद्देश्य कैरीकॉम (CARICOM – Caribbean Community) और स्मॉल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स (SIDS) में प्रमुख खिलाड़ी त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ भारत की विकास साझेदारी का विस्तार करना और खेल, शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग में नए रास्ते तलाशना है. कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है
अर्जेंटीना: आर्थिक सुधारों के बीच गहरी होती रणनीतिक साझेदारी
प्रधानमंत्री मोदी का अगला पड़ाव 4 से 5 जुलाई, 2025 तक अर्जेंटीना में होगा. राष्ट्रपति जेवियर माइली के निमंत्रण पर पीएम मोदी अर्जेंटीना जा रहे हैं. यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस दक्षिण अमेरिकी देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. इस ऐतिहासिक यात्रा का उद्देश्य 2019 में स्थापित रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना है, क्योंकि अर्जेंटीना महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रहा है. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, अर्जेंटीना के नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय चर्चा में व्यापार, रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल इनोवेशन शामिल होंगे.
भारत ऊर्जा सुरक्षा और रेयर अर्थ मिनिरल्स के क्षेत्र में नई साझेदारी बनाने की भी कोशिश कर रहा है. दोनों नेता टेलीमेडिसिन, रक्षा विनिर्माण और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग की संभावनाएं तलाशेंगे. अर्जेंटीना अपने विकास लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए भारत की विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा. पीएम मोदी की यह यात्रा सहयोग के नए अवसर प्रदान करने के लिए तैयार है, जो लैटिन अमेरिका में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की भूमिका को मजबूत करेगी
ब्राजील: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और द्विपक्षीय रणनीतिक भागीदारी

प्रधानमंत्री मोदी 5-8 जुलाई तक ब्राजील की यात्रा पर रहेंगे. वह रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे गना और राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा की मेजबानी में ब्रासीलिया की राजकीय यात्रा करेंगे. 2014, 2019 और 2024 में पिछली यात्राओं के बाद यह मोदी की ब्राजील की चौथी यात्रा है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी 10 पूर्ण सदस्य देशों, 12 भागीदार देशों और 8 आमंत्रित देशों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे.
ब्रिक्स समिट के प्रमुख एजेंडा में ग्लोबल गवर्नेंस रिफॉर्म्स, शांति और सुरक्षा, बहुपक्षवाद, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाइमेट एक्शन और ग्लोबल हेल्थ शामिल हैं. 8 जुलाई को ब्रासीलिया की राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी 2006 में स्थापित भारत-ब्राजील रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति लूला के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. यह वार्ता व्यापार (20 बिलियन डॉलर का लक्ष्य), रक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, खनन, महत्वपूर्ण खनिज, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल इंफ्रा पर केंद्रित होगी. 12.2 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ लैटिन अमेरिका में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार ब्राजील मुख्य फोकस है, दोनों देश व्यापार समझौते के विस्तार की संभावना तलाश रहे हैं. यह यात्रा ब्रिक्स में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को मजबूत करेगी, खासकर तब जब भारत 2026 में अध्यक्षता संभालने की तैयारी कर रहा है.
नामीबिया: ऐतिहासिक संबंधों को मजबूती
प्रधानमंत्री मोदी 9 जुलाई को राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा के निमंत्रण पर नामीबिया का दौरा करेंगे, जो इस अफ्रीकी देश की उनकी पहली यात्रा होगी और और किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह तीसरी यात्रा होगी. किसी भारतीय प्रधानमंत्री की गत 27 वर्षों में पहली बार होने वाली इस यात्रा में औपचारिक स्वागत, नामीबिया के फाउंडिंग फादर डॉ. सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि, द्विपक्षीय वार्ता और नामीबिया की संसद को संबोधित करना शामिल होगा.
इस यात्रा का उद्देश्य नामीबिया के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करना है, जो 1940 के दशक में भारत द्वारा नामीबिया के स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए समर्थन से जुड़े हैं. 600 मिलियन डॉलर मूल्य का द्विपक्षीय व्यापार तथा 800 मिलियन डॉलर का भारतीय निवेश, विशेष रूप से जिंक और डायमंड प्रोसेसिंग में, चर्चा के प्रमुख बिंदु होंगे. नामीबिया से चीतों को भारत के कुनो नेशनल पार्क में सफलतापूर्वक रिलोकेट करना दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी को दर्शाता है. कृषि, फार्मास्यूटिकल्स और यूरेनियम, तांबा और लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग के साथ-साथ सेंट्रल बैंक ऑफ नामीबिया और एनपीसीआई के बीच इंटीग्रेटेड पेमेंट इंटरफेस (UPI) समझौते पर भी महत्वपूर्ण ध्यान दिया जाएगा.
ग्लोबल साउथ के साथ एकजुटता
प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा आर्थिक विकास से लेकर क्लाइमेट एक्शन और टेक्नीकल इनोवेशन तक ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को पूरा करने में भारत के नेतृत्व को रेखांकित करती है. अफ्रीका, कैरीबियन कंट्री और लैटिन अमेरिका के साथ जुड़कर भारत विकासशील देशों और ब्रिक्स और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंचों के बीच एक सेतु के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत कर रहा है